लोकसभा में गृह राज्य मंत्री का खुलासा : छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में 36% की कमी आई, विकास कार्य गिनाए

मंगलवार को लोकसभा में एक सदस्य के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2018 की तुलना में 2022 में वामपंथी उग्रवाद या नक्सलवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 36 प्रतिशत की कमी आई है।

इस दौरान उग्रवाद से संबंधित हिंसा की घटनाओं में 22 प्रतिशत, जबकि परिणामी मौतों की संख्या में 60 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं, वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसक घटनाओं की संख्या में 2010 की तुलना में 2022 में 76 प्रतिशत तक की कमी आई है।

हिंसा की रिपोर्ट में आई कमी

इस दौरान मंत्री ने कहा कि हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिले भी साल 2010 (96) से घटकर 2022 में (45) हो गए हैं। दरअसल, वामपंथी उग्रवाद की समस्या को रोकने के लिए 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास रोकने वाले कारकों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकदारियों को सुनिश्चित करने वाली सभी प्रकार की रणनीति की परिकल्पना की गई है।

राय ने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र सरकार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल बटालियन, प्रशिक्षण, सुरक्षा संबंधी खर्च और विशेष बुनियादी ढांचा योजना (SIS) जैसी योजनाओं के माध्यम से धन का प्रावधान, आधुनिकीकरण के लिए धन प्रदान करके वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्य सरकारों की सहायता करती है, जिससे राज्य पुलिस बल, उपकरण और हथियार, खुफिया जानकारी साझा करना, विकास के पक्ष में मजबूत पुलिस स्टेशनों का निर्माण, सड़कों का निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना, बैंकों, डाकघरों, स्वास्थ्य और शिक्षा के नेटवर्क में सुधार सहित कई उपाय किए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के लिए 587 करोड़ 

सुरक्षा संबंधी खर्च (एसआरई) योजना को लेकर मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को वामपंथी हिंसा, प्रशिक्षण और परिचालन मे मारे गए नागरिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को सहायता राशि के प्रावधानों के माध्यम से राज्यों की क्षमता निर्माण के लिए धन प्रदान किया जाता है। वहीं, सुरक्षा बलों की जरूरतें, आत्मसमर्पण करने वाले वामपंथी उग्रवादी कार्यकर्ताओं का पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग, वामपंथी चरमपंथियों द्वारा संपत्ति के नुकसान के लिए सुरक्षा बल कर्मियों और नागरिकों को मुआवजा दिया जाता है। इस योजना के तहत, 2018-19 से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 1,648.23 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 587.96 करोड़ रुपये शामिल हैं।

वहीं, वामपंथी, नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए 704 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (एफपीएस) स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ के लिए 148 स्टेशन शामिल हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में 120 सहित 603 एफपीएस का निर्माण किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि निर्मित 603 एफपीएस में से 537 एफपीएस का निर्माण मई 2014 के बाद किया गया है।