आदिवासी बनेगा छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री? बीजेपी में 5 संभावित दावेदार

छत्तीसगढ़ में सिर्फ पांच साल सत्ता से दूर रहने के बाद बीजेपी ने धमाकेदार वापसी की है। सारे ओपनियन और एग्जिट पोल की हवा उड़ाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनावों में पर्याप्त बहुमत पाया है। अब सवाल है कि बीजेपी इस बार किसे मुख्यमंत्री बनने का मौका देगी।

तीन बार के पूर्व सीएम रमन सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं। उनके राजनीतिक अनुभव पर भी कहीं कोई सवाल नहीं है। लेकिन, चार-पांच महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी यहां कोई बहुत बड़ा राजनीतिक दांव खेल सकती है, जिसकी पूरी संभावना है।

छत्तीसगढ़ में आदिवासी को सीएम बना सकती है बीजेपी


रविवार को ही भाजपा की जीत का जश्न मना रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने दिल्ली में पार्टी हेडक्वार्टर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खासकर के आदिवासी समाज से बीजेपी को मिले समर्थन का जिक्र किया है। ऐसे में इसकी संभावना बढ़ गई है कि देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति देने के बाद भाजपा छत्तीसगढ़ में किसी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के नेता को सीएम बना सकती है।

विष्णु देव साय


अगर पीएम मोदी की बातों को इशारा समझें तो आदिवासी मुख्यमंत्री के लिए बीजेपी में विष्णुदेव साय सबसे सबसे पसंदीदा चेहरे हो सकते हैं। वे प्रदेश में पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री की भी भूमिका निभा चुके हैं।

16वीं लोकसभा में वे छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट से जीते थे और पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में इस्पात मंत्रालय में जूनियर मंत्री की भी भूमिका निभा चुके हैं। 2020 से लेकर 2022 तक पार्टी ने उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। इस चुनाव में वे जशपुर जिले की कुनकरी विधानसभा (एसटी-सुरक्षित) सीट से जीते हैं।

रेणुका सिंह

आदिवासी सीएम के दावेदारों में भाजपा से दूसरी संभावित दावेदार केंद्रीय आदिवासी मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह बताई जा रही हैं। वो छत्तीसगढ़ की सरगुजा (एसटी-सुरक्षित) लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं। आदिवासी समाज में ये काफी प्रभावशाली मानी जाती हैं और इनके पक्ष में यह बात भी जाती है कि ये महिला हैं। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की भरतपुर-सोनहत सीट (एसटी-सुरक्षित) से उतारा था और वो कांग्रेस उम्मीदवार को हराने में सफल रही हैं।

राम विचार नेताम

रामविचार नेताम भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रभावशाली आदिवासी चेहरे हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद राज्य के शीर्ष पद के लिए पार्टी की पसंद हो सकते हैं। रमन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में वे कई अहम विभाग संभाल चुके हैं। मौजूदा विधानसभा चुनाव में उन्होंने बलरामपुर जिले में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रामानुजगंज में कांग्रेस उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया है।

अरुण साव

अगर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने का दांव खेला तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव रेस में सबसे आगे हो सकते हैं। वह बिलासपुर से तीन बार से सांसद भी हैं और उनका अपना एक बड़ा जनाधार है। इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने लोरमी सीट पर कांग्रेस को हराया है। यह बीजेपी के संभावित सीएम दावेदारों में से काफी अहम माने जा रहे हैं।

ओपी चौधरी

पूर्व आईएएस से बीजेपी नेता बने ओपी चौधरी भी पार्टी के सीएम पद के दावेदार माने जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार में अवॉर्ड जीत चुके ओपी चौधरी ने रायगढ़ सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को 64,000 से ज्यादा वोटों से हराया है। अगर भाजपा ने आदिवासी नेता को सीएम बनाने का फैसला किया तो ओपी चौधरी संभावित उपमुख्यमंत्री पद के भी दावेदार हो सकते हैं।

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