कोरबा,04 दिसम्बर । कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी एसईसीएल ने सौर परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बनाई है। व्यवसाय का विस्तार और विविधता लाने यह नेट जीरो एनर्जी लक्ष्य हासिल करने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है। इसके तहत कोरबा जिले के कुसमुंडा क्षेत्र में 200 किलोवाट क्षमता की रूफ टॉप सौर परियोजना शुरू की गई है. परियोजना के अंतर्गत वर्कशॉप में सोलर पैनल लगाए गए हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया ने 2026 तक 3 हजार मेगावाट क्षमता की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर नेट जीरो का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है। कंपनी के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने व सतत विकास को बढ़ावा देने व्यापक योजना तैयार की गई है. इस कड़ी में हाल ही में जोहिला, जमुना कोतमा और कुसमुंडा क्षेत्रों में 580 किलोवाट क्षमता की रूफ टॉप सौर परियोजनाएं शुरू की गई हैं।कुसमुंडा क्षेत्र में कमीशन की गई परियोजना की क्षमता लगभग 200 किलोवाट पिक है. इसके अलावा जोहिला परियोजना की क्षमता लगभग 280 किलोवाट पिक है।
यह पूरी कंपनी में सबसे अधिक रूफ टॉप सौर परियोजना है. परियोजना के अंतर्गत प्रशासनिक भवन जीएम कार्यालय, एसईसीएल में संचालित केन्द्रीय विद्यालय, क्षेत्रीय अस्पताल पर क्षेत्र के गेस्ट हाउस में सोलर पैनल लगाए गए हैं। यह परियोजना पूरे वर्ष में लगभग 4 लाख 20 हजार यूनिट बिजली पैदा करेगी. जिससे सालाना बिजली व्यय में लगभग 21 लाख रुपए की बचत होगी. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में फैले इसके संचालन क्षेत्रों में 180 मेगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं पहले से ही विकास के विभिन्न चरणों में हैं. इस फेहरिस्त में जोहिला, जमुना-कोतमा और कुसमुंडा क्षेत्रों में 580 किलोवाट क्षमता की रूफ टॉप सौर परियोजनाएं जुड़ गई हैं।
अन्य परियोजनाओं में भी आकार ले रही योजना
ग्रीन एनर्जी कार्यान्वयन के तहत सबसे बड़ी दो सौर परियोजनाएं 40 मेगावाट क्षमता की हैं. राज्य के आदिवासी बाहुल्य सरगुजा क्षेत्र के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्थित भटगांव व विश्रामपुर क्षेत्रों में कंपनी द्वारा खुद की अपनी जमीन पर 40 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी प्लांट विकसित किया जा रहा है। परियोजना कार्यान्वयन चरण में है और इस वित्तीय वर्ष में चालू होने की उम्मीद है।
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