SEBI ने सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज फ्रॉड केस में 6 लोगों और इकाइयों को गैर-कानूनी तरीके से हासिल की गई रकम ब्याज समेत लौटाने का निर्देश दिया है। मार्केट रेगुलेटर ने 624 करोड़ की रकम के साथ-साथ उस पर 12 पर्सेंट सालाना ब्याज का भी भुगतान करने को कहा है।
इसके तहत, इन लोगों को कुल 1,747.5 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें तकरीबन 15 साल की ब्याज की रकम (1,123 करोड़ रुपये) भी शामिल है। भुगतान के लिए जनवरी 2024 की समयसीमा तय की गई है।
आदेश में जिन 6 लोगों और इकाइयों को यह रकम भुगतान करने का आदेश दिया गया है, उनमें बी. रामलिंगम राजू (सत्यम के पूर्व चेयरमैन), बी. रामा राजू (सत्यम के पूर्व MD), बी. सूर्यनारायणा राजू (रामलिंगम राजू के भाई), SRSR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड, वी. श्रीनिवास (सत्यम के पूर्व CFO) और जी रामकृष्ण (पूर्व वाइस प्रेसिडेंट, फाइनेंस) शामिल हैं। इस आदेश से पहले 2 फरवरी, 2023 को सिक्योरिटीज आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल (SAT) का ऑर्डर आया था। सेबी ने पहले भी इस केस में रिकवरी का आदेश दिया था, जिसे बाद में अभियुक्तों द्वारा ऊपरी अदालतों- SAT और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सेबी के होलटाइम मेंबर अनंत नारायण जी ने अपने आदेश में कहा, ‘मैं नोटिस पाने वालों को निर्देश देता हूं कि वे गैर-कानूनी तरीके से हासिल रकम का भुगतान टेबल नंबर 19 में किए गए कैलकुलेशन के मुताबिक 12 पर्सेंट सालाना ब्याज के साथ करेंगे। ब्याज की रकम 7 जनवरी, 2009 से लेकर भुगतान की तारीख तक के हिसाब से की जाएगी। जैसा कि SAT ने 2 फरवरी, 2023 के अपने ऑर्डर में कहा, गैर-कानूनी तरीके से हासिल किए जाने वाले फायदों के बदले रकम का भुगतान अलग-अलग किया जाएगा।’
अलग-अलग लोगों और इकाइयों द्वारा भुगतान की बात की जाए, तो बी. रामलिंगा राजू 20.43 करोड़, रामा राजू को 20.43 करोड़ रुपये, बी. सूर्यनारायणा राजू को 51.44 करोड़ रुपये, SRSR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 518.36 करोड़ रुपये, वी. श्रीनिवास को 9.58 करोड़ रुपये और जी. रामकृष्ण को 3.83 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। इस पर ब्याज अलग से देना होगा। मार्केट रेगुलेटर ने पैसे का भुगतान 45 दिनों के भीतर करने को कहा है।
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