राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की घोषणाओं के नाम पर वोटिंग करने की राहुल गांधी की अपील पर विवाद हो गया है। भाजपा ने राहुल की अपील को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई और उनका X अकाउंट बैन करने की मांग की है। भाजपा ने राजस्थान निर्वाचन विभाग को शिकायत देकर उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज करने की मांग की है।
राहुल गांधी ने शनिवार 25 नवंबर को सोशल मीडिया अकाउंट पर राजस्थान चुनावों में कांग्रेस को वोट करने की अपील के साथ बड़ी घोषणाओं का जिक्र किया।
भाजपा का तर्क- राहुल ने साइलेंट पीरियड में प्रचार कर आचार संहिता का उल्लंघन किया
भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत में तर्क दिया कि चुनाव प्रचार बंद होने के बाद कोई भी नेता सार्वजनिक रूप से प्रचार नहीं कर सकता। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 में इसका साफ प्रावधान है कि प्रचार बंद होने के बाद टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया पर प्रचार नहीं किया जा सकता। 48 घंटे के साइलेंट पीरियड में किसी भी तरह का सार्वजनिक प्रचार बैन है, इस दौरान सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो पर किसी पार्टी के पक्ष में कोई नेता प्रचार नहीं कर सकता। राहुल ने 48 घंटे के साइलेंट पीरियड में भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार किया है, चुनावी घोषणाओं को दोहराते हुए वोट मांगे।
शिकायत में तर्क दिया है कि राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। राहुल ने कांग्रेस के पक्ष में प्रचार वाला पोस्ट किया, उसे सुबह 10:35 बजे तक 2.30 लाख लोग देख चुके थे। साइलेंट पीरियड में यह सार्वजनिक प्रचार है, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों का साफ उल्लंघन है।
राहुल गांधी ने फ्रीबीज और जाति के नाम पर वोटर्स को प्रभावित किया
भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने फ्री स्कीम्स गिनाकर वोटर्स को लुभाने का प्रयास किया, जो कानूनी रूप से गलत है। यह गलत तरीके से वोटर्स को प्रभावित करने का प्रयास है। जातिगत जनगणना का वादा करके वोटर्स को जातीय आधार पर लामबंद करने का प्रयास करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
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