रायपुर,24 नवंबर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सभी 90 सीटों की ईवीएम को 33 जिलों में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रख दिया गया है। आयोग के निर्देश पर 3 दिसंबर तक इनकी सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए है। दूसरी तरफ सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने पहली बार ईवीएम की निगरानी के लिए राज्य स्तरीय टीम बना दी है। यह टीमें तीन दिसंबर तक जिले के हर स्ट्रांग रूम के बाहर तैनात रहेंगी। इसमें कार्यकर्ताओं के अलावा पदाधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 7 नवंबर और दूसरे चरण का 17 नवंबर को हुआ था। मतदान के बाद ईवीएम को जिला मुख्यालयों में बनाए गए स्ट्रांग रूम में सील कर दिया गया। पहले चरण की 20 सीटों में से अधिकांश पर कांग्रेसी स्थानीय स्तर पर पिछले दो हफ्ते से स्ट्रांग रूम के बाहर पहरेदारी कर कर रहे हैं। जबकि दूसरे चरण की 70 सीटों के कार्यकर्ता भी तकरीबन पांच दिन से निगरानी में लगे हैं। कांग्रेस ने पहरेदारी करने के लिए शिफ्ट में ड्यूटी लगाई है। ताकि स्ट्रांग रूम के बाहर निर्धारित दूरी पर हर वक्त कम से कम दो पदाधिकारी मौजूद रहें।
हर घंटे की पार्टी ले रही है अपडेट
हाल ही में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से सभी प्रत्याशियों को एक सर्कुलर जारी कर कहा गया है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मतगणना के दिन तक कड़ी पहरेदारी करें। पुलिस और प्रशासन के अफसरों के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति वहां प्रवेश न कर सके, इसकी खास निगरानी रखी जाए। पीसीसी ने विधानसभा वार जिन नेताओं की ड्यूटी लगाई है, उनकी एक सूची भी तैयार की है। राजनांदगांव विधानसभा में सबसे अधिक छह कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से स्ट्रांग रूम की पहरेदारी में लगे लोगों की मॉनिटरिंग करने के लिए भी नौ लोगों को तैनात किया गया है। ये लोग अलग-अलग समय में संबंधित जिले में फोन कर पदाधिकारियों से अपडेट लेते हैं। इन नौ लोगों में तीन-तीन लोगों को 30-30 विधानसभा के लिए स्ट्रांग रूम की पहरेदारी का जिम्मा दिया गया है। ये तीनों टीमें सुबह 10 से रात 12 बजे तक अलग-अलग पालियों में जानकारी एकत्रित करती हैं।
भाजपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं को लगाया ड्यूटी पर
कांग्रेस ने जहां प्रदेश स्तर पर स्ट्रांग रूम की मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम तैयार किया है। वहीं, भाजपा ने अलग से कोई व्यवस्था नहीं की है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अलग-अलग विधानसभाओं में विधायक पद के प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों को ही पहरेदारी में लगाया हुआ है। कुछ सीटें पर जहां कांटे की टक्कर है, वहां प्रत्याशियों के समर्थक पंडाल लगाकर चौबीसो घंटे निगरानी कर रहे हैं।
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