बिलासपुर. 22 नवम्बर । रेलवे स्टेशन के उस पार सिरगिट्टी क्षेत्र में 3 लाख से अधिक लोग निवास करते है। जहां पर से रेल लाइने है ऐसे में बच्चों को स्कूल आने के लिए रेल पटरी को पार करना पड़ता है। लगातार अखबारों में बच्चों द्वारा रेल पटरी पार करने की खबरें प्रकाशित हो रही थी। जिसे हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका की सुनवाई की है। जिसके लिए शुक्रवार को तारीख तय की है।
बता दें, हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। नाराज कोर्ट ने शासन के विधि अधिकारियों व रेलवे के अधिवक्ता से पूछा किय यह सब क्या है। रेलवे जैसे बेहद संवेदनशील विभाग में कोई व्यवस्था सुचारू रूप से काम करता भी है या नहीं। यह सब क्या हो रहा है। इलेक्ट्रिक इंजन के सामने से स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे है। कोर्ट ने यह भी आशंका जाहिर की और कहा कि छुट्टी के समय वापसी में भी बच्चे निश्चित तौर पर ऐसे ही पटरी पार कर के घर जाते होंगे। कोर्ट ने पूछा कि रेलवे स्टेशन परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम है भी या नहीं। तब कोर्ट को बताया गया कि वहां पर जीआरपी और आरपीएफ की तैनाती रहती है।
फुट ओवर ब्रिज की मांगी रिपोर्ट
डिवीजन बेंच ने पूछा कि लोगों को सुरक्षित आवागमन के लिए रेलवे ने व्यवस्था की है या नहीं। फुट ओवर ब्रिज के संबंध में कोर्ट ने पूछा व विस्तृत रिपोर्ट पेश करने रेलवे को निर्देश जारी किया है।
सालों पहले टूट चुका है फुट ओवर ब्रिज
रेलवे स्टेशन की दूसरी ओर तीन लाख से अधिक लोग निवास करते है। लोगों को सुरक्षित आवागमन के लिए बनाया गया फुट ओवर ब्रिज सालों पहले टूट चुका है। रेलवे ने नया एफओबी बनाने का काम शुरू तो किया था। लेकिन चार साल बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। यहां के निवासी रेलवे के अफसरों से लंबे समय से एफओबी का काम पूरा करने की मांग कर रहे है।
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