कहते हैं मानवता की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इसी विचार को अपने जीवन में आत्मसात किया है चिरायु चैरिटेबल फाउंडेशन की सेक्रेटरी आकृति अजय गोयनका ने। इंग्लैंड में बेसिक और अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौट कर इस दिशा में उन्होंने काम शुरू किया। वे कहती हैं कि दुनिया में चिकित्सा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाना उनका सपना है। वे अपना जीवन पीड़ित मानवता को समर्पित करना चाहती हैं।
उन्होंने आंत्रप्रेन्योरशिप में उच्च शिक्षा प्राप्त की है और अपने इसी नॉलेज और समझ के साथ अब वे हेल्थकेयर एवं हेल्थकेयर एजुकेशन में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं। वे एक तरफ जहाँ चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं, तो वहीं दूसरी तरफ चिरायु समूह के आगामी प्रोजेक्ट्स का भी नेतृत्व कर रही हैं जिसमें चिरायु यूनिवर्सिटी भी शामिल है।
पिता डॉ. अजय गोयनका हैं आदर्श
सुश्री आकृति, चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ. अजय गोयनका की बेटी हैं। वे मानवता की सेवा के लिए अपने पिता को आदर्श मानती हैं। डॉ. अजय गोयनका को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने योगदान के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। उन्होंने कोरोना के संकटकाल में अपने 1200 बिस्तरों वाले चिरायु अस्पताल को मध्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत कोविड-19 सेंटर के रूप में समर्पित किया था।
चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का संचालन चिरायु चैरिटेबल फाउंडेशन के तहत किया जाता है। इसके अलावा चिरायु कॉलेज ऑफ नर्सिंग, चिरायु पैरामेडिकल कॉलेज, चिरायु कैंसर हॉस्पिटल, चिरायु फर्टिलिटी सेंटर, चिरायु मेडिकल सिमुलेशन सेंटर एंड स्किल लैब और चिरायु सेतु भी संचालित किया जा रहा है। इन सभी संस्थानों के संचालन में आकृति गोयनका की सक्रिय भूमिका रहती है।
चिरायु सेतु नाम की नई पहल शुरू की
आकृति का विजन है कि चिरायु को मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के मामले में सबसे आगे बढ़कर काम करना चाहिए। चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल द्वारा ‘चिरायु सेतु’ के रूप में एक नई पहल की गई है। जहां एक ही छत के नीचे नशामुक्ति और साइक्रेटरी समस्याओं का इलाज संभव है। आकृति ‘चिरायु सेतु’ की सीईओ हैं। भोपाल में स्थापित इस नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में मॉडर्न एवं साइंटिफिक तरीके से इलाज किया जाता है। यहां योग, हेप्पीनेस एक्सपर्ट, साइकोलॉजिस्ट, डाइटिशियन जैसे सभी विशेषज्ञ हैं।
सामाजिक उद्देश्य के साथ की गई इस पहल का लाभ काफी लोगों को मिल चुका है। आकृति चिरायु मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रशासनिक कार्यों और चिरायु ग्रुप के अन्य प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभा रही हैं। मेडिकल कॉलेज की सीटों को 150 से बढ़ाकर 250 करने और फिजियोथेरेपी के लिए एक नया कॉलेज बनाने के काम में भी उनका सक्रिय एवं महत्वपूर्ण योगदान है।
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