कोरबा, 22 नवम्बर ।कोल इंडिया के इंपैनल निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के रेफरल की स्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए एसईसीएल के विभागीय डॉक्टर मरीज की स्थिति जानेंगे और सत्यापन करेंगे। इस सुविधा से मरीज के रेफरल की स्थिति में सत्यापन में देरी नहीं होगी। अभी तक रेफरल की स्थिति में एसईसीएल के विभागीय डॉक्टर के इंपैनल हॉस्पिटल में आने का इंतजार करना पड़ता था। इसके बाद ही सत्यापन हो पाता था। लेकिन अब इसमें देरी नहीं होगी। इससे मरीज के परिजनों को भी सुविधा मिलेगी। एसईसीएल समेत कोल इंडिया की सहायक कोयला कंपनियों के कर्मचारियों व उसके परिवार के आश्रित सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
बेहतर इलाज के लिए कोल इंडिया ने छत्तीसगढ़ समेत राज्य के बाहर प्रदेशों के कई बड़े निजी अस्पतालों को भी इंपैनल हॉस्पिटल की सूची में शामिल किया है जहां पर मरीज की स्थिति के आधार पर बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जाता है। दिक्कत यह होती थी कि अगर इंपैनल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाना है तो एसईसीएल के डॉक्टर को सत्यापन के लिए इंपैनल हॉस्पिटल जाना पड़ता था। सत्यापन में भी देरी होती थी। एसईसीएल बिलासपुर चिकित्सा विभाग के मेडिकल सेवा प्रमुख ने इंपैनल हॉस्पिटलों के डायरेक्टर को पत्र लिखकर आपातकालीन परिस्थिति में भर्ती मरीजों की जांच व सत्यापन के लिए वीडियो कान्फ्रेसिंग से करने कहा गया है। प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए एसईसीएल जरूरी व्यवस्था कर रही है।
सूची में 371 अस्पताल
देशभर के 371 अस्पतालों को कोल इंडिया ने इंपैनल हॉस्पिटल की सूची में शामिल किया है। जिसमें अनेक सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल भी है। जहां पर मरीज की स्थिति के आधार पर रेफर का निर्णय लिया जाता है। एसईसीएल के विभागीय डॉक्टरों की ओर से की जाने वाली सत्यापन वीसी के जरिए हो पाएगी। कंपनी की ओर से कर्मी व जुड़े सदस्यों को राहत देने जरूरी व्यवस्था कर रही है।
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