वर्ल्ड कप 2023 का पहला सेमीफाइनल मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज खेला जाएगा। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन टूर्नामेंट में कमाल का रहा है। टीम ने अभी तक खेले सभी 9 मैचों में जीत का स्वाद चखा है। हालांकि, अब बारी सेमीफाइनल मैच की है, जहां गलती करने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं होती है। आईसीसी इवेंट्स के नॉकआउट मैचों में कीवी टीम का रिकॉर्ड वैसे भी भारत के खिलाफ काफी दमदार रहा है। 50 ओवर के फॉर्मेट में जब भी यह दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ मैदान पर उतरी हैं, तो रोमांच अपने चरम पर रहा है। आइए ऐसे ही पांच यादगार मैचों के बारे में आपको बताते हैं।
2019 में टूटा चैंपियन बनने का सपना
साल 2019 में इंग्लैंड की धरती पर भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ) के बीच खेला गया वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड की टीम ने स्कोर बोर्ड पर 239 रन लगाए। हालांकि, इसके बाद मैच में बारिश ने खलल डाल दी और मुकाबले को रिजर्व-डे में शिफ्ट करना पड़ा। भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 221 रन बनाकर ऑलाआउट हो गई। एमएस धोनी के इस मैच में रनआउट होते ही पूरा खेल पलट गया था। माही का यह इंटरनेशनल क्रिकेट में लास्ट मैच भी था।
वर्ल्ड कप में चटाई कीवी टीम को धूल
साल 2003 में खेले गए विश्व कप में भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हार का स्वाद चखाया था। इस मुकाबले में जहीर खान ने नई गेंद से जमकर कहर बरपाया था और शुरुआत तीन गेंदों पर ही न्यूजीलैंड के दो बल्लेबाजों को चलता कर दिया था। पूरी कीवी टीम महज 146 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी। हालांकि, रनों का पीछा करते हुए भारत ने भी सचिन, गांगुली और सहवाग का विकेट सिर्फ 21 रन के स्कोर पर खो दिया था, लेकिन कैफ और राहुल द्रविड़ की दमदार पारियों के बूते टीम इंडिया मैदान मारने में सफल रही थी।
बुमराह का करिश्माई आखिरी ओवर
कानपुर के मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच साल 2017 में एक और रोमांचक मुकाबला खेला गया था। इस मैच में रोहित शर्मा ने बल्ले से खूब धमाल मचाया था और 138 गेंदों पर 147 रन कूटे थे। वहीं, कोहली के बल्ले से भी शतक निकला था। हालांकि, 338 रन के लक्ष्य का न्यूजीलैंड ने बखूबी अंदाज में पीछा किया था।
केन विलियमसन ने 65, कोलिन मुनरो ने 75 और टॉम लाथम ने 65 रन की शानदार पारी खेली थी। कीवी टीम को जीत के लिए आखिरी ओवर में 15 रन की दरकार थी, लेकिन बूम-बूम बुमराह ने अपना कमाल दिखाते हुए ओवर में सिर्फ 8 रन देकर टीम की जीत पर मुहर लगा दी थी।
सचिन-गांगुली की मेहनत पर फिरा था पानी
साल 2000 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच नॉकआउट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला गया था। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्कोर बोर्ड पर 264 रन लगाए थे। सचिन तेंदुलकर और गांगुली ने पहले विकेट के लिए 141 रन की साझेदारी निभाई थी, लेकिन इन दोनों के आउट होते ही भारत का बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया था। 265 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड की टीम भी एक समय पर 132 के स्कोर पर पांच विकेट गंवाकर जूझ रही थी, लेकिन क्रिस कैर्न्स की शतकीय पारी के बूते कीवी टीम दो गेंद शेष रहते हुए बाजी मारने में सफल रही थी।
2014 में टाई रहा मैच
साल 2014 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेहद रोमांचक मुकाबला खेला गया, जिसका अंत टाई पर हुआ। कीवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मार्टिन गुप्टिल के शतक और कप्तान केन विलियमसन की अर्धशतकीय पारी के दम पर 314 रन स्कोर बोर्ड पर लगाए। 315 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और टीम के चार बल्लेबाज सिर्फ 79 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए।
इसके बाद एमएस धोनी ने अश्विन के साथ मिलकर पारी को संभाला और दोनों ने अर्धशतक जमाए। हालांकि, असली महफिल लूटने वाले बल्लेबाज रविंद्र जडेजा रहे, जिन्होंने आखिरी ओवर में 17 रन बनाते हुए मैच को टाई करा दिया। जड्डू ने इस मुकाबले में 46 गेंदों पर 66 रन की आतिशी पारी खेली थी।
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