अंबिकापुर में बड़ी घटना, प्लास्टिक यूनिट के हिस्से में भीषण आग लग गई

अंबिकापुर,13 नवंबर । दीपावली की रात अंबिकापुर में बड़ी घटना हो गई। राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात प्राप्त अंबिकापुर के स्वच्छता चेतना पार्क के प्लास्टिक यूनिट के हिस्से में भीषण आग लग गई। प्लास्टिक और थर्मोकॉल के कारण आग तेजी से फैली। मणिपुर पुलिस चौकी के नजदीक तक आग की लपटें पहुंचने के कारण सारे दस्तावेजों को बाहर निकालना पड़ा। छह घण्टे से अधिक समय की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है लेकिन प्लास्टिक ,फोम, थर्मोकॉल होने के कारण अभी भी धुआं निकल रहा है।

पुलिस और प्रशासन की सूझबूझ से जनहानि नहीं हुई। यहां सोने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। स्वच्छता चेतना पार्क के पीछे बस्ती में रहने वाले लोगों को भी सतर्क कर दिया गया था।आग लगने की यह घटना मध्यरात्रि लगभग 12 बजे हुई। पटाखे की चिंगारी से सम्भवतः आग लगी। देखते ही देखते आग तेजी से फ़ैली। कूड़ा करकट और प्लास्टिक होने के कारण आग का फैलाव तेजी से हुआ।

आग पर काबू पाने कोशिश जारी
सुबह छह बजे काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया था लेकिन तेज गहरा धुआं अभी भी निकल रहा है। आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है। इसके कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि जनहानि की कोई घटना नहीं हुई है। सभी को सतर्क कर दिया गया था। यहां काम करने वाले लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया था। सुरक्षा कारणों से मणिपुर थाना के दस्तावेज बाहर निकाल लिए गए थे। आग उसके पीछे तक पहुंच चुकी थी।


स्वच्छता चेतना पार्क
बता दें कि वर्षों पुराने कचरे को ढेर को नगर निगम ने स्वच्छता चेतना पार्क के रूप में विकसित कर राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात अर्जित की है। इसी पार्क परिसर में कचरा प्रबंधन से जुड़ी अलग-अलग इकाइयां संचालित है। इसमें से एक यूनिट प्लास्टिक और थर्मकोल की भी थी। इसके दाने बनाने का काम भी यहां होता था। कचरा छंटाई के साथ इसकी उपयोगिता सुनिश्चत करने अलग-अलग मशीनें भी लगी थी। ये सारी यूनिटें जल चुकी है।


प्रशासन को बड़ी आर्थिक क्षति
घटना से नगर निगम प्रशासन को बड़ी आर्थिक क्षति होने के साथ ऐसा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। स्वच्छता चेतना पार्क, राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बना चुका था। इससे स्वच्छता सर्वेक्षण में भी अंबिकापुर को फायदा मिलता था। बाहर से आने वाले नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के लिये भी यह एक आदर्श था। अब इसका बड़ा हिस्सा तबाह हो चुका है। नए सिरे से विकसित करना भी आसान नहीं होगा।

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