कोरिया,07 नवंबर । ‘शरीर से कमजोर हूं बाबू, चल-फिर नहीं पाती। लेकिन जानती-समझती सब हूं। मैं तो बरसों से वोट देते आ रही हूं… अल्लाह जाने और कब तक वोट डालूंगी, क्योंकि शरीर अब साथ नहीं दे रही है।’ यह बात तलवापारा, बैकुण्ठपुर निवासी श्रीमती मिंतु बेगम पति स्व. हाजी मोहम्मद अमीन ने मंगलवार से शुरू हुए 80 बरस या उससे अधिक उम्र के मतदाताओं तथा 40 प्रतिषत या उससे अधिक के दिव्यांग वाले मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान अधिकारी उनके घर गए थे, तब यह बात कही। बता दें भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार बुजुर्ग एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष रणनीति के तहत उन्हें घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है।
स्वास्थ्य खराब किंतु कर्त्तव्य निभाया-
इसी कड़ी में आज खालपारा, ओड़गी निवासी 87 वर्षीय श्रीमती सखुन बरगाह के घर मतदान टीम पहुंची हुई थीं। श्रीमती सखुन की स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी उनके परिवारों वालों ने दी और कहा कि बिस्तर पर उनसे मतदान करवा लीजिए, मतदान टीम तुरंत तैयार हुई और सखुन बाई की तबीयत खराब होने के बावजूद उन्होंने मतदान कर अपना कर्त्तव्य पूरा किया।
चेहरा फूल की तरह खिली-
इसी तरह 82 वर्षीय श्रीमती फूल बसिया यादव के घर मतदान टीम पहुंची तो उन्होंने, सभी का अभिवादन किया। सबका हाल-चाल जाना। कहां से आए हो…क्या काम है..? हम लोगों का घर मिट्टी का है बाबू…। मतदान टीम ने उन्हें बताया कि हम लोग निर्वाचन कार्यालय से आए हैं, आपका वोट लेने और इस तरह फूल बसिया की चेहरा एक पल के लिए फूल की तरह खिल गई। बोलने लगी जरूर बाबू मैं बोट जरूर करहूं।
विकास का हौसला बुलंद-
जब मतदान अधिकारियों का दल दिव्यांग विकास साहू के घर पहुंचे तो वे जमीन पर सोए मिले। मतदान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि 17 नवम्बर को मतदान होना है, उसके पहले जो दिव्यांग मतदाता, मतदान केन्द्र नहीं पहुंच पाएंगे, उसके लिए निर्वाचन आयोग ने घर पर पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट लेने की व्यवस्था की है। तब विकास साहू ने कहा कि 14 बरस पहले एक सड़क दुर्घटना होने के कारण उठ-बैठ नहीं पा रहा हूं लेकिन बातचीत कर लेता हूं। इस तरह दिव्यांग विकास ने लोकतंत्र के मजूबत विकास के लिए सहर्ष मतदान किया और उनके हौसले देखकर कहीं नहीं लगा कि वह एक दिव्यांग है।
आज घलो वोट डाल हूं : उजियारो
इसके बाद मतदान दल रवाना हुए खालपारा निवासी श्रीमती 87 वर्षीय उजियारो राजवाड़े के घर। श्रीमती उजियारो ने बताया कि पहले वह पेन से हस्ताक्षर कर लेती थी, लेकिन अब हाथ कांपने के कारण हस्ताक्षर करने में दिक्कत हो रही है। बुजुर्ग उजियारो के चेहरे में कहीं षिकन, चिंता तक नहीं दिखी बल्कि मतदान टीम को कहने लगी, ‘पहली बार आए हो… चाय पीकर जाना। जब मतदान अधिकारियों ने कहा कि आप ल वोट डालना हे। तब वह कहने लगी… मैं तो कई बार वोट डाल हरे हवं…। आज घलो वोट डाल हूं… कोई चिंता-फिकर के बात नई हे।’ इस तरह दो लड़के और दो लडकियों की 87 बरस की मां उजियारो की आत्मविष्वास ने नई पीढ़ी को वोट डालने के लिए जरूर प्रेरणा देगी।
शरीर कमजोर लेकिन मन मजबूत : शारदा पड़वार
इसी तरह खालपारा, ओड़गी निवासी दिव्यांग 32 वर्षीय कुमारी शारदा पड़वार के घर मतदान कराने दल पहुंची थी। इनके परिजनों ने बताया कि शारदा बचपन से ही दिव्यांग है। आज 32 बरस की हो गई है। मतदान कर्मियों ने उनसे पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराया।
कलेक्टर ने मतदान टीम को दी शुभकामनाएं-
इसके पहले आज कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार लंगेह ने 16 रूट में जाने वाले मतदान टीम व उनके वाहनों को रवाना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निष्पक्ष, गोपनीयता के साथ मतदान कराएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जो सीख मिली है, उसके अनुसार ही कार्य करें कोई भी परेशानी होने पर संबंधित अधिकारियों से जरूर सम्पर्क करे।
बता दे कोरिया जिले के अंतर्गत बैकुण्ठपुर विधानसभा क्रमांक 3 तथा सोनहत के 80 वर्ष व उससे अधिक उम्र के मतदाताओं व 40 प्रतिषत व उससे अधिक के दिव्यांग मतदाताओं के लिए 16 रूट तैयार की है। इन रूट के माध्यम से 88 मतदान केन्द्रों में दो मतदान अधिकारी, एक पुलिसकर्मी, एक वीडियोग्राफर, एक माइक्रो ऑब्जर्वर तथा एक बीएलओ उपस्थित हैं।
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