क्या आप जानते है, स्मार्टफोन को Restart और Reboot करने में क्या है अंतर? 99% लोग हैं इससे अनजान…

आज स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। डेली रूटीन के कई सारे काम आज स्मार्टफोन पर डिपेंड हो गए हैं। लॉकडाउन के बाद से स्मार्टफोन का इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया है। कई लोग तो स्मार्टफोन के छोटे से छोटे फीचर्स के बारे में जानते हैं लेकिन कई ऐसे लोग है जों इसके बेसिक फीचर को भी नहीं जानते।

जब भी स्मार्टफोन हैंग करता है तो सबसे ज्यादा बार आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि एक बार रिस्टार्ट कर लो, या फिर रिबूट कर लो। अधिकांश स्मार्टफोन यूजर रिस्टार्ट और रीबूट को एक ही समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है। लोग इनका इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन इनके अंतर को नहीं समझते हैं। क्या आप रिस्टार्ट करना और रीबूट करने में अंतर समझते हैं। अगर आप भी नहीं जानते तो कोई बात नहीं हम आपको आज इसकी जानकारी देने वाले हैं।

क्या होता है फोन को रीबूट करना

किसी भी स्मार्टफोन को रीबूट करने से उसके हार्डवेयर नॉन फंक्शनल स्टेट से फंक्शनल स्टेट में एक्टिव हो जाते हैं। रीबूट उस कंडीशन में ज्यादातर किया जाता है जब स्मार्टफोन काम न कर रहा हो या फिर कोई ऐप रिस्पॉंस न कर रही हो। रीबूट करने से स्मार्टफोन अपनी पुरानी कंडीशन में पहुंच जाता है और उसके सभी फंक्शन पहले की तरह काम करने लगते हैं।

स्मार्टफोन को रिस्टार्ट करने का मतलब

स्मार्टफोन को रीस्टार्ट करने का मतलब उसे स्विच ऑफ करके स्विच ऑन करना। स्मार्टफोन को रीस्टार्ट तब किया जाता है तब किसी सॉफ्टवेयर को अपडेट या फिर इंस्टाल किया जाता है। आपको बता दें कि डिवाइस को रीबूट करना रिस्टार्ट के मुकाबले ज्यादा फास्ट प्रॉसेस है। रीबूट में स्मार्टफोन के सॉफ्टेवयर पर काम किया जाता है जबकि वहीं दूसरी तरफ रिस्टार्ट सेटिंग में स्मार्टफोन के हार्डवेयर पर काम होता है।

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