कोरबा, 3 नवम्बर । हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलायें अखंड सौभाग्य की कामना हेतु कई व्रतें करती हैं, उनमें से एक करवाचौथ माता की व्रत है। इस व्रत के विधानानुसार सुहागिन महिलायें दिन भर निर्जल रहकर रात्रि में चंद्रोदय के उपरांत ही व्रत तोड़ती हैं।
महिलायें एकत्रित होकर एक साथ पूजन करती हैं।फलस्वरुप आनन्दमय वातावरण बन जाता है। लालिमा जायसवाल जी का कहना है कि इसमें भी महिला सशक्तिकरण का सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत होता हैं।
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