कांकेर, 28 अक्टूबर। अपने मताधिकार को लेकर सिर्फ साक्षर ही नहीं, निरक्षर मतदाता भी जागरूक हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 80 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं के लिए इस वर्ष डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके चलते बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की विशेष तौर पर सुविधा मिल रही है।
ऐसा ही एक वाकया जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 79 में देखने को मिला है, जहां अपनी शतायु पार कर चुकीं 102 साल की वयोवृद्ध महिला बुधियारिन बाई कौड़ो ने डाक मतपत्र के ज़रिए स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित करने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उम्रदराजी को धता बताते उन्होंने कल 27 अक्टूबर को डाक मतपत्र के माध्यम से चुनाव चिह्न देखकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट दिया। अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कौड़ो ने बताया कि उम्र की अधिकता के चलते 2018 में हुए पिछले निर्वाचन में वह मतदान नहीं कर पाई थीं, जिसका उन्हें आज भी अफसोस है।
उसके पहले प्रत्येक विधानसभा व लोकसभा में मतदान करती रही हैं। इस चुनाव में भी शायद ऐसा ही होता, क्योंकि उनके घर से मतदान केंद्र की दूरी लगभग 04 किलोमीटर है। पर इस बार निर्वाचन आयोग ने डाक मतपत्र की सुविधा दी है, इसके चलते वह पोस्टल बैलेट से वोट दे पाईं। उन्होंने आयोग द्वारा दी गई इस सुविधा के प्रति आभार व्यक्त किया। उनके 70 वर्षीय पुत्र रामूराम कौड़ो ने बताया कि उनकी मां डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं। पिछले चुनाव में वोट नहीं दे पाने का उन्हें मलाल था, जिसकी कोरकसर इस साल डाक मतपत्र से वोट करने के चलते पूरी हो गई।
ज्ञात हो कि अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 186 गावड़े खसगांव की बीएलओ ने बताया कि उक्त पोलिंग बूथ में चार गांवों के कुल 1009 मतदाता हैं, जिनमें 510 महिला और 499 पुरूष मतदाता सम्मिलित हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला के विशेष प्रयासों से क्षेत्र के मतदाताओं में काफ़ी उत्साह देखने को मिल रहा है, जिसके चलते इस बार 90 प्रतिशत से अधिक मतदान होने की प्रबल संभावना है।
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