अचानक से ट्रेनों की चाल में सुधार नजर आने लगा,जो ट्रेनें 6-8 महीने से लगातार 3 से 4 घंटे विलंब से चल रहीं थीं उनकी रफ्तार तेजी से बढ़ी

छत्तीसगढ़: पिछले 10 दिनों में अचानक से ट्रेनों की चाल में सुधार नजर आने लगा है। माना जा रहा है ऐसा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर है ताकि आम जनता के सामने सरकार की छवि अच्छी बनी रहे। जो ट्रेनें 6-8 महीने से लगातार 3 से 4 घंटे विलंब से चल रहीं थीं उनकी रफ्तार तेजी से बढ़ी है। अब इन ट्रेनों की लेट लतीफी 1 से डेढ़ घंटे में सिमट गई है। इनमें से कुछ ट्रेन ने तो एक-दो दिन बिफोर आकर यात्रियों को हैरान भी कर दिया।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर एरिया में ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला जारी है लेकिन ट्रेनों की रफ्तार में कुछ तेजी अवश्य आई है। यात्री ही नहीं रेलवे के कर्मचारी भी यह मानने लगे हैं कि ये सब चुनाव की वजह से हो रहा है। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने की सबसे बड़ी वजह यह है कि जोन के किसी भी सेक्शन में पटरियों की मरम्मत का कोई नया काम नहीं हो रहा है। इसे में कर्मचारी चुनाव की वजह ही मान रहे हैं ताकि ट्रेनों में सफर करने यात्रियों में राहत रहे। ​पुरी-ऋषिकेश-पुरी कलिंग उत्कल एक्सप्रेस, पुणे- हावड़ा -पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस महीनों से विलंब से चल रही थी।

इस ट्रेन को समय से चलाने के लिए कई मर्तबा कैंसिल भी किया गया है उसके बाद भी उसकी पेयरिंग रैक समय पर नहीं पहुंची । इसलिए ट्रेनों का चाल नहीं बद सकी थी। वहीं ​गेवरारोड- इतवारी- गेवरारोड शिवनाथ एक्सप्रेस, बिलासपुर- इतवारी- बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को एक साल से ज्यादा समय से रोजाना 6 से 8 घंटे विलंब से चल रही थी। यह ट्रेन भी धीरे-धीरे रास्ते पर आ रही है। अब एक या दो घंटे ही विलंब से बिलासपुर पहुंच रही है।

आधी रात की ट्रेनें समय से पहले पहुंची

आधी रात को बिलासपुर से होकर हावड़ा जाने वाली मुंबई-हावड़ा गीतांजलि, अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस भी सेक्शन में हर दिन 1 से डेढ़ घंटे विलंब से चल रही थी लेकिन पिछले सप्ताह दोनों ही ट्रेनें एक या दो दिन अपने समय से कुछ मिनट पहले ही प्लेटफार्म पर पहुंच गई। इससे सभी को आश्चर्य हुआ क्योंकि प्लेटफार्म पर आते-आते ही ट्रेन आउटर में खड़ी हो जाती है। लेकिन उस दिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।