कोरबा, 22 अक्टूबर I जिले में वन्यजीव प्रेमियों के लिए रविवार की सुबह सूरज की पहली किरण खुशखबरी लेकर आई है। दरअसल पड़ोसी जिले से पहुंचे झुंड में शामिल हथिनी ने जंगल के भीतर बेबी एलिफेंट को जन्म दिया है। जिसकी निगरानी में वन विभाग की टीम लगी है। इस क्षेत्र में लोगों को जाने से रोका जा रहा है।
कोरबा वनमंडल के वन परिक्षेत्र पसरखेत और कुदमुरा का सीमा धरमजयगढ़ के जंगल से जुड़ा हुआ है। ऐसे में हाथियों का झुंड सरहद पार कर एक दूसरे क्षेत्र के जंगल में चला जाता है। धरमजयगढ़ क्षेत्र में 31 हाथियों का झुंड डेरा डाला हुआ था, जो 3 दिन पहले सरहद को पार कर पसरखेत रेंज के जंगल में पहुंच गया है । इस झुंड में 9 नर, 14 मादा और 8 बेबी एलिफेट शामिल है। शनिवार की रात हाथियों का यह झुंड बासिन सर्किल के समरकना जंगल के कक्ष क्रमांक 1118 में डेरा डाला था, जहां झुंड में शामिल हथिनी ने बेबी एलिफेंट को जन्म दिया है।
इस बात की खबर ग्रामीणों को तब हुई, जब वे सुबह सबेरे जंगल की ओर पहुंचे। उन्हें हाथियों की चिंघाड़ सुनाई दे रही थी, जो सामान्य नहीं था। वही हाथी एक ही स्थान पर डटे हुए थे, जबकि आमतौर पर रात के समय हाथी एक स्थान से दूसरे क्षेत्र की ओर कुच कर जाते है। जिससे ग्रामीणों को बेबी एलिफेंट के जन्म का अहसास हुआ। बताया जा रहा कि जंगल के भीतर रात करीब तीन बजे नए मेहमान आने की खबर वन विभाग के निगरानी टीम को भी लग चुकी थी। लिहाजा वन कर्मी मौके पर डटे रहे। बहरहाल वन कर्मी हाथियों की निगरानी कर रहे है। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को जंगल में जाने से रोका जा रहा है।
इस संबंध में कोरबा वन मंडल के एसडीओ दक्षिण सूर्यकांत सोनी का कहना है कि बेबी एलीफेंट के जन्म की सूचना मिली है, जिसकी तस्दीक की जा रही है। हमारी पहली प्राथमिकता सुरक्षा है। इसके लिए जंगल की ओर नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है। अस्थायी बेरियर लगाए गए हैं, ताकि प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश करने वाले वाहनों को रोका जा सके।
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