भिलाई16 अक्टूबर । स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग तथा माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में छात्र परिषद का गठन किया गया। इस समारोह में श्रीमती पारोमिता दास गुप्ता, मुख्य आहार विशेषज्ञ, पंडित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय अतिथि वक्ता थी और समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने दीप प्रज्वलन द्वारा की और उसके बाद हर्षिता पोहानी- बी.एससी, सूक्ष्मजीवविज्ञान विभाग, प्रथम वर्ष द्वारा सरस्वती वंदना की गई। इस कार्यकम में संयोजिका डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान और अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने मनोनीत छात्र पदाधिकारियों को बधाई दी और कहा कि युवा होने के नाते उनमें देश की जरूरतों को पूरा करने और इसे शिक्षा या खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में विश्व शक्ति बनाने की क्षमता है।
अतिथि वक्ता के साथ प्राचार्य ने छात्र अध्यक्ष को बैच पहनाया डॉ. शैलजा पवार, प्राध्यापक, डॉ. पूनम शुक्ला, श्रीमती उषा साहू, स.प्रा. शिक्षा विभाग और डॉ. नीना बागची, विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान ने भी अन्य छात्र पदाधिकारियों को बैच पहनाकर शपथ दिलाई। गठित परिषद में अध्यक्ष- कुमारी हर्षा सिंह, एमएससी तृतीय सेमेस्टर, सूक्ष्मजीवविज्ञान, उपाध्यक्ष-कुमारी खुशी चौधरी, एमएससी प्रथम सेमेस्टर, सूक्ष्मजीवविज्ञान, सचिव- अरुण शाजी, बी.एससी तृतीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान हैं। संयुक्त सचिव- कुमारी अदिति पांडे, बी.एससी द्वितीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान, कोषाध्यक्ष- कुमारी पूजा साहू, एमएससी तृतीय सेमेस्टर, सूक्ष्मजीवविज्ञान की रही। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा और डॉ. मोनिशा शर्मा ने माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी इंडिया काउंसिल के सदस्यों और विभाग को बधाई दी उन्होंने कहा कि विद्यार्थी किसी भी समाज की रीढ़ होते हैं।
कार्यक्रम का संचालन माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी इंडिया परिषद की शिक्षिका समन्वयक योगिता लोखंडे, स. प्रा. सूक्ष्मजीवविज्ञान, विभाग ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन कुमारी अक्षिता पांडे, एमएससी तृतीय सेमेस्टर, सूक्ष्मजीवविज्ञान और कुमारी देविना यादव, बी.एससी तृतीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान ने किया। छात्रों ने छात्रों और शिक्षकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न खेल आयोजित किए जिससे उनका समग्र विकास हुआ। धन्यवाद ज्ञापन समीक्षा मिश्रा, स. प्रा., सूक्ष्मजीवविज्ञान, विभाग ने दिया।
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