महासमुंद16 अक्टूबर । कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी प्रभात मलिक के मार्गदर्शन में विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत सोमवार को जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को पेड न्यूज, मीडिया प्रमाणन और आदर्श आचार संहिता की बारीकियों के संबंध में प्रशिक्षण के माध्यम से अवगत कराया गया। मीडिया के प्रतिनिधियों से सवाल जवाब के माध्यम से जानकारी दी गई। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं एमसीएमसी के नोडल अधिकारी एस. आलोक ने गठित मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति व आदर्श आचार संहिता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के ब्यूरो चीफ एवं संवाददाता शामिल हुए।
नोडल अधिकारी एस. आलोक ने प्रशिक्षण में कहा कि मीडिया में प्रकाशित समाचारों एवं विज्ञापनों का निगरानी जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के माध्यम से 24 घंटे की जा रही है। इसके लिए एक मीडिया सेंटर की स्थापना भी की गई है। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इसका उल्लंघन न हो। जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दल एवं निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा। एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की मॉनिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के प्रशिक्षण के दौरान सहायक संचालक जनसम्पर्क पोषण साहू द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से मीडिया प्रमाणन के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में अभ्यर्थी को नोटिस दिया जाएगा। उनका सही समय पर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जाएगा। असंतोषजनक पाए जाने पर तथा जांच करने पर सही पाए जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहिता घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियता पूर्वक कार्य कर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी। साहू ने बताया कि सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लॉग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाइट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेंट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चैनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चैनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाडऩे, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कटेन्ट नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाए जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, टाईमलाईन, आवेदन, आवेदन पत्र प्रारूप व अनुलग्नक, विज्ञापन का प्रमाणीकरण, प्रमाणन ऑनलाइन, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई।
[metaslider id="347522"]