बदलाव लाने वाली फिल्में बनाना चाहते हैं Akshay Kumar, बोले- समाज ने जो दिया, उसे वापस करने का यही तरीका

कला के साथ व्यापार भी फिल्मों का अहम हिस्सा है। फिल्में बड़ी लागत के साथ बनाई जाती हैं। ऐसे में वह लागत, मुनाफे के साथ वापस पाने की चाहत निर्माताओं में होती है। बात करें अभिनेता अक्षय कुमार की, तो निर्माता बनने को लेकर उनकी चाहत, बाकी निर्माताओं से थोड़ी अलग रही।

वह सामाजिक विषयों से जुड़ी फिल्में पैड मैन, टायलेट: एक प्रेम कथा समेत कई फिल्में बना चुके हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान अक्षय ने कहा कि समाज ने जो मुझे दिया है, उसे वापस करने का ये मेरा तरीका है। मुझे पता है कि मैं एक सिंह इज किंग, सूर्यवंशी या राउडी राठौड़ फिल्में करूंगा, तो इससे तीन-चार गुना ज्यादा कमाऊंगा, लेकिन यह पैसे की बात नहीं है।

यह अहसास जीवन में बहुत पहले ही हो गया था, लेकिन तब मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं फिल्में प्रोड्यूस कर सकूं। जब मैंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की, तो मैं ऐसी फिल्में बनाने लग गया। मुझे ऐसी फिल्में बनाने का शौक है, क्योंकि मेरा पारिवारिक माहौल ऐसा रहा है। मैंने कभी अपने माता-पिता को झगड़ा करते नहीं देखा। हमारे पास बहुत पैसे नहीं थे।

100 रुपये का किराया देकर हम मुंबई के एक छोटे से घर में रहते थे। लेकिन एक दिन ऐसा नहीं जाता था, जब हम हंसते-खेलते नहीं थे। अब इतना पैसा है, फिर भी कभी कभार दुखी हो जाते हैं। आगे जब अक्षय से पूछा गया कि क्या वह राजनीति में कभी जाना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा नहीं, मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता हूं। मैं फिल्में बनाने के लिए बना हूं। आगे का मुझे पता नहीं, लेकिन फिलहाल मैं फिल्में बनाना चाहता हूं, जिससे बदलाव आए।

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