कोरबा,09 अक्टूबर ।आँकाक्षी जिला कोरबा में तैयार हो रही सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही । हालात ऐसे हैं कि 5 साल की परफॉर्मेंस गारंटी अवधि तो दूर 3 माह के भीतर पहली ही बरसात में सड़कों में गुणवत्ता की अनदेखी की पोल खुल जा रही। भैसमा से नवगठित सक्ति जिला मुख्य मार्ग में कोरबा के हिस्से की सड़कों में कलमीभांठा ,तिलकेजा, आमापाली ,जुनवानी के पास उखड़ती सड़के इसका प्रमाण दे रही हैं। नवनिर्मित सड़कों में गुणवत्ता की अनदेखी एवं जिम्मेदार अधिकारियों ,विभाग के प्रश्रय से जनाक्रोश पनप रहा।
यहां बताना होगा कि भैसमा से सक्ति जिले के लिए बरसात से पूर्व लोक निर्माण विभाग द्वारा टू लेन पक्की सड़क तैयार की गई है। जिसमें से भैसमा से लबेद तक का हिस्सा कोरबा जिला एवं शेष हिस्सा सक्ति जिले के का हिस्सा है। दो फेस में तैयार इस मार्ग को तैयार करने में संबंधित ठेकेदार से न केवल सुस्ती दिखाई वरन बरसात से पूर्व तैयार करने के दबाव में मानकों गुणवत्ता की इस कदर अनदेखी कर दी कि पहली ही बरसात में मार्ग में भ्रष्टाचार की परतें उखड़कर सामने आने लगी हैं। कलमीभांठा ,तिलकेजा एवं आमापाली ,जुनवानी के पास सड़क कई पेंच में उखड़ने लगी है। साईड शोल्डर भी धंसने लगा है। जिससे फर्म एवं अफसरों की जुगलबंदी साफ नजर आने लगी है।जल्द ही मार्ग की मरम्मत नही हुई तो आवागमन के दौरान लोगों की परेशानी बढ़ सकती हैं। कायदे से कार्य की गुणवत्ता ,तकनीकी मापदंडों की जांच की जानी चाहिए ताकि शासन की मंशा धूमिल न हो। इससे पूर्व पीएमजीएसवाय फेस -3 के तहत तैयार सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता के अनदेखी की पोल खुल चुकी है। एनक्यूएम ( नेशनल क्वालिटी मॉनिटर ),एसक्यूएम (स्टेट क्वॉलिटी मॉनिटर ) की टीम संबंधित फर्म ,अफसरों से मिलीभगत कर गुणवत्ता हीन सड़कों को क्लीनचिट दे चुके हैं। चुनावी वर्ष में इस अनदेखी से आमजन में जनाक्रोश पनप रहा है । जनाक्रोश कहीं भारी न पड़ जाए।
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एनएच के निर्माण से मार्ग में बढ़ा यातायात दबाव,प्रतिबंध के बावजूद भारी वाहनें भी दौड़ रहीं
राष्ट्रीय राजमार्ग कोरबा -उरगा-चाम्पा 149 बी में शामिल मार्ग पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क की वजह से कोरबा से बरपाली ,सलिहाभांठा , बंधवाभांठा ,डोंगरीभांठा,पकरिया , चिकनीपाली,तिलकेजा,तुमान ,सराईडीह ,गांडापाली,पठियापाली सहित अन्य ग्राम के ग्रामीण पिछले 3 माह से इसी मार्ग से आवागमन कर रहे । एनएच के फोरलेन सड़क तैयार होने में अभी करीब साल -डेढ़ साल का वक्त लगेगा। ऐसे में इस मार्ग पर यातायात का बढ़ता दबाव बरकरार रहेगा। इस मार्ग पर भारी वाहनों के आवागमन पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने प्रतिबंध लगा रखा है ,बकायदा इस आदेश से जुड़े साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं लेकिन इसके बावजूद कई ट्रांसपोर्टर नियमों का माख़ौल उड़ा भारी वाहन दौड़ा रहे हैं।
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