रायपुर, 08 अक्टूबर । जातिगत जनगणना पर भारतीय जनता पार्टी अपना स्टैंड क्लीयर कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा वंचित वर्गो को उनका अधिकार देने का विरोध करती है। यही कारण है कि भाजपा की केन्द्र सरकार जातिगत जनगणना नहीं करवा रही है यही नहीं लोगो को उनके अधिकार से वंचित रखने के षडयंत्र के कारण मोदी सरकार 2021 में होनी वाली देश की जनगणना को भी 2023 से लंबित रखा है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से देश की वास्तविक जातीय आधार तथा विभिन्न जातीय समूहो की आर्थिक सामाजिक हालात की जानकारी सामने आयेगी जिसके आधार पर सरकार को अपनी योजनाओं को बनाने के सही तथ्य मिलेंगे। जब देश के लोगो के बारे में जानकारी ही नहीं मिलेगी तो सरकार उनके भलाई को योजनायें कैसे बनायेगी। भाजपा की केन्द्र सरकार आर्थिक और सामाजिक लोगो के भलाई के लिये योजना नहीं बनाना चाहती है इसीलिये भाजपा जातिगत जनगणना का विरोध कर रही है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ में भी वंचित वर्गो को उनका अधिकार देने के खिलाफ है। यही कारण है कि भूपेश सरकार द्वारा विधानसभा में पारित करवाये गये आरक्षण संशोधन विधेयक को भाजपा राजभवन में रोकवा कर रखी है उस पर हस्ताक्षर नही होने दे रही है। भूपेश सरकार द्वारा बनाये गये आरक्षण बिल में आदिवासी वर्ग के लिये 32 प्रतिशत, ओबीसी के लिये 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिये 13 प्रतिशत तथा अनारक्षित वर्ग में गरीब के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। कांग्रेस सरकार ने इन वर्गो को आरक्षण देने के लिये इनकी जन संख्या को आधार माना है।
अनुसूचित जाति तथा जनजाति के आरक्षण का आधार 2011 की जनगणना है तथा ओबीसी को आरक्षण देने के पहले भूपेश सरकार क्वांटी फायबल द्वारा आयोग बनाकर ओबीसी तथा सामान्य वर्ग की गणना करवाया है। ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 44 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग की संख्या साढ़े तीन प्रतिशत आई है। उसी आधार पर उनके आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। भाजपा नहीं चाहती आदिवासी समाज और ओबीसी की आरक्षण बढ़े। इसीलिये वह विरोध करती है तथा आरक्षण बिल को राजभवन में रोकवा कर रखी है।
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