कोरबा, 04 अक्टूबर I शासकीय इंजीनियर विश्वेसरैया स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय कोरबा में आज सेवा योजना इकाई 1 एवं 2 ने नवप्रवेशी रासेयो स्वयं सेवकों को डायरी एवं बैज से स्वागत कर उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन संस्था प्राचार्य डॉ.साधना खरे के निर्देशन एवं संरक्षण में किया गयाI मंचासीन प्राचार्य डॉ.साधना खरे, मुख्य स्रोत अतिथि डॉ.प्यारेलाल आदिले, प्राचार्य व पूर्व वरिष्ठ रासेयो अधिकारी, भूतपूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉ.बी.एल.साय, प्रो.बलराम कुर्रे, प्रो.रमेश कुमार मौर्य, प्रो.सुशील कुमार अग्रवाल, प्रो.कन्हैया सिंह कंवर, कार्यक्रम अधिकारी प्रो.अजय कुमार पटेल व प्रो.मधु कंवर, दीपक टेकाम, आशा आज़ाद, शालिनी सिंह ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी।
प्राचार्य डॉ.साधना खरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि एनएसएस समाज सेवा का पाठ पढ़ाता है, एनएसएस से छात्रों में समाज सेवा एवं देशभक्ति की भावना जागृत होती है। राष्ट्रीय सेवा योजना बच्चों के शारीरिक, मानसिक व व्यक्तित्व विकास का माध्यम तो है ही, इसके साथ साथ सामाजिक दायित्व का भी बोध कराता है। मुख्य स्रोत वक्ता डॉ.प्यारे लाल आदिले ने स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनएसएस व्यक्तित्व निखारने का अनोखा मंच है। श्रम और सेवा के माध्यम से प्रतिभा को निखार कर आपको एक विशेष पहचान दिलाता है। हमारे समाज में श्रम के महत्व व स्वच्छ परम्परा का लगभग प्रभाव बढ़ते जा रहा है। समाज से लोग कटते जा रहे हैं और हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित स्वस्थ्य परम्परा का विलोपन होते जा रहा है ।
जिस समाज के बदौलत आज हम यहां खड़े हैं, समाज को हमें धीरे धीरे उन्नति के पथ पर आगे लेकर चाहिए।हमारे पूर्वज पढ़े लिखे नहीं थे, इसके बावजूद मिलकर श्रमदान करते थे। तालाब की साफ सफाई करते थे, वृक्षारोपण करते थे और आपस में मिलकर सामुदायिक स्थलों आदि की मरम्मत भी करते थे। गांव में सभा के माध्यम से बड़े बड़े विवादों का निराकरण करते थे। सादगीपूर्ण जीवन जीते हुए भाईचारा में विश्वास रखते थे । डॉ.आदिले ने कहा कि यदि शांति और व्यवस्था चाहते हैं तो हमे पूर्वजों की उस धरोहर को बचाना होगा । उन्होंने रासेयो की स्थापना का उद्देश्य, इतिहास, प्रतीक पुरुष, लक्ष्य, बैज धारण का महत्व, नियमित और चयनात्मक गतिविधि, सात दिवसीय विशेष शिविर, रासेयो अभिवादन, स्टूडेंट नीड्स, रिकॉर्ड संधारण, व्यवहारिक शिक्षा इत्यादि के बारे में पूरे विस्तार से बताया और स्वयंसेवकों के प्रश्न, जिज्ञासा और उनके मन के समाज के प्रति उद्वेलित विचारों को समझा और उसका उत्तर देते हुए समाधान भी बताया।
इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत, ताली संयोजन, अभिवादन, रासेयो खेल, पीटी, ड्रील, योग, मेडिटेशन का भी अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम के अंत में नशा जनमूलन, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान तथा स्वच्छता ही सेवा की शपथ दिलायी गयी। कार्यक्रम को सफल बनाने में 100 से अधिक स्वयंसेवकों सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, आफिस स्टॉफ, भूतपूर्व स्वयंसेवको की उपस्थिति व सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन प्रो.अजय कुमार पटेल व आभार प्रदर्शन प्रो.मधु कंवर ने किया।