अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कोरबा व छत्तीसगढ़ को गौरवांन्वित करते हुए करेंगी भारत का प्रतिनिधित्व
कोरबा, 30 सितम्बर । अपनी संगीत कला से सारे देश में कोरबा व छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित कर चुकीं जयश्री नायर अब सात समुंदर पार छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की महक बिखेरने को तैयार हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जाकर अपनी संगीत कला से भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस दौरान जयश्री यूरोप में जर्मनी, निदरलैंड्स, स्वीडन, बेल्जियम, स्विजरलैंड समेत सात देशों की यात्रा कर छत्तीसगढ़ की माटी से उपजे संगीत का मर्म पेश करेंगी।
कोरबा की बेटी जयश्री नायर आने वाले तीन माह के लिए यूरोप यात्रा पर रहेंगी। जहां वह सात से नौ देशों में भारतीय संगीत की अलग-अलग विधाओं का प्रस्तुतीकरण करेंगी। जिसमें शास्त्रीय संगीत के अलावा गजल भजन आदि होंगे। जर्मनी, निदरलैंड्स, स्वीडन, बेल्जियम, स्विजरलैंड जैसे देशों में अपने भारतीय संगीत ग्रुप अनुभूति ग्रुप के साथ प्रस्तुति देंगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत का गौरव बढ़ा रहीं हैं। जय पद्म भूषण तीजन बाई जी से बहुत ही प्रभावित है और वह अपनी जन्मभूमि छत्तीसगढ़ के लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गाने की चाह रखती हैं। उनका मानना है कि छत्तीसगढ़ का संगीत बहुत ही अलग और मिट्टी की खुशबू की तरह है, जिसे दुनिया को सुनना चाहिए। जयश्री रागी द गर्ल बैंड का संचालन कर रही हैं, जिसमें सिर्फ बालिका वर्ग को संगीत क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा रहा है। इनमें से कई संगीत कलाकार राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुतियां दे चुकी हैं। महिलाओं का निडर होकर संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ना ही रागी द गर्ल बैंड का उद्देश्य है।
4 वर्ष की उम्र से शुरू किया, इनकी बैंड में सिर्फ बालिकाएं
जयश्री चार साल की उम्र से ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ले रही हैं। अब खुद एक गुरु के रूप में अपनी संगीत संस्था जयश्री म्यूजिक एकेडमी का संचालन करती हैं। जहां वह बहुत से संगीत के विद्यार्थियों को संगीत शिक्षा देतीं हैं। साथ ही उन्होंने आॅनलाइन गुरु के रूप में भी अपनी पहचान कायम की है और अलग-अलग देशों में संगीत के शिक्षा दे रहीं हैं। अपनी इन उपलब्धियों का श्रेय उन्होंने अपने गुरु स्व. अमिताभ गुप्ता को माता रुकमणी नायर को दिया है। जिनके मार्गदर्शन से वह संगीत की ऊंचाइयां छू रही हैं।
बस्तर के गांवों में स्कूली बच्चों को जोड़ने का लक्ष्य
जयश्री राष्ट्रीय संगीत गुरु, कला रत्न, लोक कला वारिधि, अवार्ड आफ द स्कालरशिप भारत संस्कृति मंत्रालय, जैसे संतावन राज्य व राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में, खासकर बस्तर के गांवों संचालित शासकीय विद्यालयों में नि:शुल्क संगीत शिक्षा देना चाहती हैं। इसका प्रस्ताव जल्द ही छत्तीसगढ़ सरकार को प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है।
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