CG News :ग्राम बोरिद में कृषि सूचना केन्द्र का शुभारंभ

गरियाबंद, 28 सितम्बर  कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र फिंगेश्वर में चतुर्थ वर्ष के छात्रों ने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (रावे) अन्तर्गत फिंगेश्वर तहसील के ग्राम बोरिद में कृषि सूचना केन्द्र का शुभारंभ किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अन्तर्गत संचालित कृषि महाविद्यालय में चतुर्थ वर्ष पाठ्यक्रम में ग्रामीण कृषि कार्यानुभव (रावे ) होता है, जिसके अन्तर्गत चयनित ग्राम में चिन्हित कृषको के साथ मिलकर कृषि कार्य से परिचित होते है। साथ ही कृषि के सैद्धांतिक तकनीक को कृषको से साझा करते है। इसी तारतम्य में छात्रों ने कृषि सूचना केन्द्र का शुभारंभ किया।

रावे कायक्रम के समन्वयक ने बताया कि कृषि सूचना केन्द्र में ग्राम के कृषको को फसल उत्पादन, कीट व्याधि प्रबंधन, पशु प्रबंधन के विषय में आगामी लगभग 30 दिनो तक केन्द्र में जानकारी देगें। कार्यक्रम मुख्य अतिथि माखन लाल ध्रुव, सरपंच ग्राम बोरीद, महेश सोनी, उप सरपंच एवं पंचगणों की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के वक्तव्य में सहा. प्रध्यापक ने कृषको को परम्परागत कृषि तकनीक से नई तकनीक के समावेश के लिए प्रोत्साहित किया। नये किश्मों के साथ नये तकनीक से लाभ के विषय में भी कृषको को जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम में ग्राम सरपंच ने छात्रों को उत्साहित करते हुए उनके द्वारा किये जा रहे विभिन्न तकनीको कार्यों की प्रशंसा की। और हर्ष से बताया कि छात्र निरंतर कृषको के प्रक्षेत्र में पहुंच कर तकनीकी ज्ञान साझा कर रहे हैं। कार्यक्रम में डा. नीता मिश्रा सहा. प्रध्यापक द्वारा पशुओं में व्याप्त खुरहा-चपका बीमारी हेतु जानकारी साझा कर टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही पशुओं को वर्तमान कृषि के लिए अत्यावश्यक बताया।

उक्त कार्यक्रम इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय अंतर्गत संचालित कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र फिंगेश्वर के अधिष्ठाता डॉ निरंजन खरे के मार्गदर्शन में, सह प्राध्यापक डॉ सी आर नेताम, रावे समन्वयक डॉ लेखराम कंवर, डॉ ओमेश ठाकुर, डॉ पायल जयसवाल, डॉ सौरभ पद्मशाली, डॉ सुमन रावते, सत्येन्द्र पाटले, डॉ अविनाश गौतम, डॉ देवेंद्र कुमार देवांगन, डॉ अशोक कुमार कोसरिया, डॉ कुंतल साठकर व विभा चंद्राकर की उपस्थिति में चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों भूपेंद्र, कुलदीप, फलेश्वर, यश, महेश, प्रज्ञा, प्रियंका एवं पंकज द्वारा आयोजित किया गया।कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान बंशीलाल द्वारा किए जा रहे जैविक कृषि की जानकारी देते हुए इसकी महत्ता भी बताई गई। उक्त कार्यक्रम में किसानों के साथ साथ बढ़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं एवं बच्चे भी उपस्थित रहें।