धमतरी, 25 सितम्बर । साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद एवं अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा 22 सितंबर से 24 सितंबर 2023 तक धमतरी में युवा कविता रचना शिविर का आयोजन किया गया। अंचल के साहित्यिक अभिरुचि के युवाओं को देश- प्रदेश के आमंत्रित विशेषज्ञ एवं चर्चित साहित्यकारो द्वारा रचना प्रक्रिया के बारे में सहभागिता आधारित प्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के अशोकनगर से वरिष्ठ कवि हरिओम राजोरिया, प्रयागराज इलाहाबाद विवि से समीक्षक लक्ष्मण प्रसाद गुप्त, दुर्ग से वरिष्ठ समीक्षक सियाराम शर्मा, बागबाहरा से पीयूष कुमार, रायपुर से साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त, पी सी रथ, राजकुमार सोनी तथा तत्पुरुष, धमतरी से माझी अनंत और छुरा गरियाबंद से नरोत्तम यादव उपस्थित रहे। धमतरी के शंकरदाह में अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के मुकेश कुमार कार्यशाला समन्वयन हेतु सेवाएं दे रहे है।
प्रथम दिवस के सत्र का शुभारंभ सुबह 11 बजे हुआ जिसमें उद्घाटन वक्तव्य वरिष्ठ समीक्षक सियाराम शर्मा ने दिया, कार्यक्रम की अध्यक्षता धमतरी के सुपरिचित वरिष्ठ रचनाकार सुरजीत नवदीप द्वारा की गई। आभार प्रदर्शन पी सी रथ ने किया। दोपहर के सत्र में प्रतिभागियों के परिचय के बाद सृजन प्रक्रिया पर केंद्रित विभिन्न प्रश्नों को शिविरार्थियों द्वारा बोर्ड पर दर्ज कराया गया। इन सवालों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा शाम तक समाधान का सिलसिला जारी रहा।
सभी को कविताएं लिखने विषय दिए गए। कार्यशाला में कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, महासमुंद, रायपुर तथा धमतरी जिलों के 60 से अधिक साहित्य व अन्य विधाओं के छात्र तथा शिक्षकों ने हिस्सेदारी की। दूसरे दिन उपस्थित विषय विशेषज्ञों ने अपने वक्तव्य दिए, 6 समूहों में प्रतिभागियों ने अपनी कविताएं पढ़ी और उस पर चर्चा की। दोपहर को कवि कथाकार जया जादवानी का वक्तव्य हुआ, उन्होंने रचना प्रक्रिया की सूक्ष्म तत्वों का जिक्र किया। भखारा कॉलेज से आये युवा आलोचक भुवाल सिंह ठाकुर ने अपना विस्तृत वक्तव्य कार्यशाला में प्रस्तुत किया।
तीसरे दिन 24 सितंबर को सुबह की शुरुआत चर्चित कवियों की कविताओं की शानदार प्रस्तुति सत्यभामा और कबीर ने की। इसके बाद युवा कवियों ने अपनी नई पुरानी कविताओं का पाठ किया जिन पर वरिष्ठ समीक्षक सियाराम शर्मा, पीयूष कुमार, मांझी अनंत ने अपनी टिप्पणियां की। हरिओम राजोरिया ने युवा कवियों को ध्यान में रखने योग बातों को याद दिलाया।
कबीर ने कविताओं के अलग अलग पक्षों के बारे में अपनी राय बताते हुए प्रस्तुति की प्रभावशीलता की चर्चा की। सत्यभामा ने कवियों के समक्ष उपस्थित चुनोतियों को याद दिलाया। रायपुर से आये राजकुमार सोनी ने जीवन संघर्षो में साथ चलने वाली कविता की चिंता का जिक्र किया। दोपहर बाद समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए धमतरी के मांझी अनंत ने संबोधित किया। सभी को प्रमाणपत्र वितरण के पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।
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