दंतेवाड़ा, 20 सितंबर 2023। जिला अस्पताल दंतेवाड़ा के प्रसूति विभाग में जटिल त्वचा संबंधी बीमारी से ग्रसित शिशु का सफल उपचार का प्रकरण प्रकाश में आया है। इसके अनुसार ग्राम पोटाली (कुआकोंडा) मिचीपारा निवासी महिला श्रीमती पोजजे मंडावी पति (मुकाराम मंडावी) द्वारा 26 अगस्त 2023 को असामान्य विलक्षण शिशु को जन्म दिया गया। अत्यंत दुर्लभ त्वचा रोग से ग्रस्त उक्त शिशु को तत्काल जिला चिकित्सालय में एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। उपस्थित चिकित्सकीय स्टाफ ने इलाज की गंभीरता को समझते हुए त्वरित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश ध्रुव को सूचित किया, जिससे डा ध्रुव के निर्देशन में शिशु का उपचार प्रारंभ किया गया।
गौरतलब है कि शिशु की समस्या बहुत ही जटिल एवं विलक्षण थी और इस तरह के शिशु बहुत ही कम जन्म लेते हैं। जो कि एक प्रकार का दुर्लभ त्वचा रोग है, जिसे ‘‘कोलौडियन बेबी‘‘ या जन्मजात इचिथोसिस भी कहा जाता है। यह जन्मजात त्वचा रोग जो लगभग 1 से 2 लाख बच्चों में सिर्फ एक बच्चे को हो सकता है। इसमें शिशु का पूरा शरीर एक चर्म पत्र की तरह से झिल्ली से ढका होता है। जिसे पपड़ीदार स्किन कंडीशन भी कहते हैं। यह रेयर स्किन डिजीज जीन के म्यूटेशन के कारण होता है, जिसे जन्मजात ऑटोसोमल रिसेसिव भी बोला जाता है, इसमें शिशु का चेहरा एवं चमड़ी विकृत हो जाता है, और आंखों की पलकें बाहर की तरफ निकली होती है, एवं बच्चों के होंठ बाहर की तरफ निकल जाते है।
इस तरह के विलक्षण स्किन डिजीज वाले शिशु का रखरखाव अत्यंत कठिन होता है क्योंकि ऐसे मामलों में शिशु की जन्म के एक हफ्ते के अंदर ही मृत्यु हो जाती है, और इनमें कई तरह की जटिलताएं जैसे डिहाइड्रेशन, ठीक से दूध नहीं पी पाना स्किन इन्फेक्शन इलेक्ट्रोलाइट उत्पन्न हो जाती हैं। जिससे शिशु को बचाना अत्यंत कठिन होता है। ऐसे में बहुत सावधानी लेकर ऐसे शिशुओं को उपचारित किया जाता है। इस क्रम में उक्त शिशु का गत 7 सितंबर 2023 को चिकित्सालय एसएनसीयू दंतेवाड़ा से सफलतापूर्वक इस विलक्षण शिशु को सफल उपचार किया गया। इसमें शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ध्रुव एवं एसएनसीयू नर्सिंग स्टाफ तथा संपूर्ण अस्पताल प्रबंधन का विशेष सहयोग रहा। बहरहाल शिशु के प्रसन्न माता-पिता ने इसके लिए अस्पताल एवं प्रबंधन का आभार जताया हैं। और उन्होंने सभी के लिए धन्यवाद दिया है।
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