Women Reservation Bill : संसद सत्र का आज तीसरा दिन है. सत्र के दूसरे दिन यानी मंगलवार को सरकार ने संसद के निचले सदन यानी लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भारी शोर-शराबे के बीच संविधान ( 128वां संशोधन ) बिल, 2023 पेश किया. इसके साथ ही देश के नए संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला बिल बन गया. आपको बता दें कि यह बिल राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किए जाने से ताल्लुक रखता है.
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. विधेयक के पारित होने को लेकर हमें खुशी तो है लेकिन चिंता भी है. मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं कि भारतीय महिलाएं पिछले 13 सालों से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को मिलने का इंतजार कर रही हैं. अब उनको कुछ और साल इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है. कितने साल? क्या भारतीय नारियों के साथ यह बरताव उचित है? कांग्रेस मांग करती है कि इस बिल को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए.
https://x.com/ANI/status/1704377719407235307?s=20
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह मेरे पूरे जीवन का सबसे ज्यादा भावुक पल है. सबसे पहली बार मेरे पति राजीव गांधी स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं के रिप्रेंजेटेशन के लिए संविधान में संशोधन का बिल लाए थे. लेकिन यह बिल राज्यसभा में केवल सात वोटों से गिर गया. बाद में कांग्रेस सरकार में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में यह बिल राज्यसभा से पास हो सका. परिणास्वरूप हमारे देश में 15 लाख से भी ज्यादा महिलाएं स्थानीय चुनाव में प्रतिनिधि चुनकर आईं. हालांकि राजीव गांधी का सपना इस बिल के पास होने के बाद ही पूरा होगा.
[metaslider id="347522"]