दीपका स्कूल की छात्रा कल्पिता सिंह छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कार्य करने हेतु हुई चयनित

0. इंडस पब्लिक स्कूल दीपका की छात्रा कल्पिता सिंह छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कार्य करने हेतु हुई चयनित,यूट्यूब में वायरल वीडियोज एवं फेमस हिट एल्बम के जरिए मिली पहचान


कल्पिता सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के स्टाफ, प्राचार्य सहित अपने माता-पिता एवं सहयोगों को दिया।नृत्य कला भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति और आत्मा को स्पष्ट करने का एक उत्कृष्ट माध्यम है। नृत्य व्यक्तिगत अनुभवों, भावनाओं और भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जीवंत करता है।नृत्य कला भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह विभिन्न राज्यों और समाजों में विभिन्न रूपों में प्रकट होती है। भारतीय नृत्य विभिन्न प्रकारों में होते हैं जैसे की भरतनाट्यम, कथक, ओडिस्सी, कुछिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, लवणी आदि।

नृत्य कला में शारीरिक सम्बंधितता, रिथम, भावनाओं की व्यक्ति, रंगमंच की व्यावसायिकता आदि के अद्वितीय तत्व होते हैं। यह कला शिक्षा और प्रशिक्षण के द्वारा प्राप्त की जा सकती है और इसे आदिकाल से आज तक संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाए रखा गया है।सम्भावित नृत्यार्थी को विभिन्न अंगों के समयिक संवेदना की आवश्यकता होती है, जो वे व्यक्ति करते हैं और समर्थित करते हैं। नृत्य कला एक उदार और सामाजिक माध्यम भी है जो विभिन्न समुदायों को एक साथ लाने का कार्य करता है।


इस प्रकार, नृत्य कला भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो व्यक्ति की आत्मा को संवेदनशील करती है और समाज में एकता और समरसता को बढ़ाती है। व्यक्ति में यदि सीखने का जुनून हो तो वह किसी भी क्षेत्र में अपना भविष्य सुरक्षित कर सकता है वह इन्हीं सब बातों को सच प्रतिशत चरितार्थ करते हुए इंडस पब्लिक स्कूल की छात्रा कल्पिता सिंह ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अपना मुकाम बनाने हेतु एक अलग छाप छोड़ने प्रारंभ कर दी है अभी हाल ही में इंडस पब्लिक स्कूल की छात्रा कल्पिता सिंह का चयन नामचीन छत्तीसगढ़ी कलाकारों के साथ कार्य करने हेतु विभिन्न एल्बम्स में किया गया। यह एल्बम रिलीज भी हुए और दर्शकों ने कल्पिता सिंह की नृत्य शैली को भरपूर सराहा। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि आने वाले दिनों में अति शीघ्र कल्पिता सिंह की कला को हमें छत्तीसगढ़ी सिनेमा में भी देखने का अवसर मिलेगा।

इनका चयन विभिन्न छत्तीसगढ़ी सिनेमा हेतु किया गया है। कई छत्तीसगढ़ी एल्बम में भी कल्पिता सिंह का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। कल्पिया सिंह अपने विभिन्न रील्स एवं डांस वीडियो के जरिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वर्तमान में कल्पिता सिंह इंडस पब्लिक स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा है। वे किसी परिचय की मोहताज नहीं है ।आज भी विद्यालय में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कल्पिता सिंह की भागीदारी अवश्य सुनिश्चित होती है। वह अपनी नृत्य शैली से आज भी हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। कल्पिता सिंह ना सिर्फ एक अच्छी डांसर है अपितु एक अच्छी कोरियोग्राफर तथा एक अच्छी आर्टिस्ट भी है। कल्पिता सिंह ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता तथा गुरुजनों को दिया।

कल्पिता सिंह ने बताया कि नृत्य के प्रति या अभिनय के प्रति उनका आकर्षण प्रारंभ से ही रहा है, और उनके इस कला को विकसित करने में सबसे ज्यादा सहयोग मिला इंडस पब्लिक स्कूल के नृत्य प्रशिक्षक एवं संगीत शिक्षक श्री हरि सारथी सर एवं राजू कौशिक सर का। इनके पूर्व भी इंडस पब्लिक स्कूल में जितने भी कल्चरल हेड रहे हैं चाहे कोई भी डांस टीचर आया हो सबका भरपूर सहयोग मुझे मिलता रहा है। इंडस पब्लिक स्कूल वह मंच है जहां हर प्रतिभा का सम्मान किया जाता है ।यहां प्रतिभा को परवाज़ देने हेतु हर संभव अवसर प्रदान किया जाता है ,और मेरी सफलता हेतु इंडस पब्लिक स्कूल का सहयोग हमेशा से रहा है। इस विद्यालय में एकेडमिक के अलावा अन्य एक्टिविटीज में भी बच्चों को कुशलता प्रदान की जाती है। अगर आज मैं कामयाबी के इस मुकाम पर पहुंच पाई हूं तो इसका श्रेय इंडस पब्लिक स्कूल को अवश्य जाता है।

जहां जाकर मुझे अपने हुनर के बारे में बारीकी से जानकारी मिली और यहां के शिक्षकों ने सतत रूप से उसको उभारने में मेरा सहयोग किया।विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि सीखने और प्रतिभा विकसित करने का जुनून आपको व्यस्त, प्रेरित और प्रेरित रहने में मदद करता है । नई चुनौतियों के लिए नए विचारों, नए समाधानों और नए कौशल और ज्ञान की आवश्यकता होती है। और इसके लिए निरंतर सीखने और आत्म-विकास की आवश्यकता होती है।सीखना एक साथ नहीं होता न ही एकाएक होता है यह तो पूर्व ज्ञान की सहायता से निर्मित व विकसित होता है । प्रतिदिन प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में नए अनुभवों को एकत्र करता रहता है, ये नवीन अनुभव, व्यक्ति के व्यवहार में वृद्धि तथा संशोधन करते हैं।

जहां तक विद्यालय में बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की बात है तो हमारे विद्यालय में विद्यार्थियों की प्रत्येक प्रतिभा को निखारने हेतु एक नया मंच प्रदान किया जाता है यहां प्रत्येक स्तर पर विद्यार्थी की शारीरिक और मानसिक विकास पर बोल दिया जाता है। हमारा हमेशा से प्रयास रहा है कि हम विद्यार्थियों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को पहचान कर उसे एक नया मंच प्रदान करें और उसकी एक अलग पहचान बनाने में मदद कर बने। विद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थियों को समान रूप से अवसर प्रदान किया जाता है ।हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि विश्व में जितने भी मनुष्य हैं सब में ईश्वर ने कोई ना कोई प्रतिभा अवश्य विकसित की हुई है ।जरूरत है तो सिर्फ हमें समय रहते हैं उसे प्रतिभा को पहचानने की और यदि हमने अपनी प्रतिभा पहचान ली तो हम आसानी से बुलंदियों के शिखर को स्पर्श करते चले जाते हैं।

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