राजनांदगांव,11 सितम्बर। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से जिले के गौपालक आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। गौपालक अपनी आवश्यक जरूरतों की पूर्ति व अपना व्यवसाय बढ़ा रहे हैं। राज्य शासन की ओर से गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी कर रही है। छत्तीसगढ़ के गौपालक द्वारा गोबर बेचकर अच्छी कमाई लगातार जारी है। शासन की गोधन न्याय योजना के जरिए गोबर बिक्री करने वालों की कमाई बढ़ती जा रही है। योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और उनके जीवन में खुशहाली आई है। यह योजना पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय प्राप्त करने का जरिया बना है, साथ ही स्वसहायता समूह की महिलाओं को विशेष रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से राजनांदगांव जिले के प्रवास के दौरान पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में 4 गौपालकों का सर्वाधिक गोबर बेचने के लिए शॉल व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया है। जिले के डोंगरगांव विकासखंड के झींका के गौपालक दिनेश कुमार यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत 2 लाख 62 हजार रुपए का गोबर बिक्री कर अतिरिक्त आय अर्जित किया है। जिससे उन्होंने परिवार की खेती को बढ़ाने के लिए जमीन खरीदी है। इसी तरह राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बघेरा के गौपालक मोतीराम यादव ने 2 लाख 32 हजार रूपए का गोबर बिक्री कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की है। मोतीराम ने बताया कि गोबर बिक्री से प्राप्त राशि से अपनी बेटी और बेटे की शादी की है। छुरिया विकासखंड के ग्राम आको के गोपालक कुंवर सिंह यादव ने 1 लाख 64 हजार रुपए का गोबर विक्रय कर आमदनी प्राप्त किया है। जिससे वे अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए भैंस खरीदी है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम धीरी की केवरा बाई यादव ने बताया कि 84 हजार रुपए का गोबर बिक्री की है और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मवेशी खरीदी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना आज सबसे लोकप्रिय योजना का रूप ले चुकी है। इससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में किसानों और पशुपालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला है। योजना के तहत जिले में 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की जा रही है। जिले में अब तक 18 हजार 625 गोबर विक्रेताओं द्वारा 6 लाख 84 हजार 203 क्विंटल गोबर बिक्री की गई और गोबर विक्रेताओं को 13 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
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