जशपुरनगर,11 सितम्बर । बगीचा सेक्टर सुलेसा के महनई, भड़िया के क्षेत्र में सर्प दंश के घटनाओं को देखते हुए हाट बाजार भड़िया में सर्प दंश के संबंध में नाटकीय प्रस्तुति दिया गया और जागरूकता संबंधी जानकारी दिया गया। सर्प काटने पर बैगा गुनिया के चक्कर में ना रहे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उपचार कराएं। बगीचा सामुदायिक केन्द्र के बी.पी.एम. सूर्य रत्न गुप्ता एवं टीम ने सर्पदंश के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अधिकतर सर्प जहरीले नहीं होते है। सर्प को डरिये मत उनके व्यवहार को समझने का प्रयास किजिए। उन्होंने सर्पदंश होने पर पीड़ित चिकित्सालय या नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जाने के लिए सलाह दी है। साथ ही संपर्दश पर तुरंत क्या करें, संपर्दश पर तुरंत क्या ना करें सहित सर्पदंश प्रबंधन के विषय पर जानकारी प्रदाय किया गया।
संपर्दश पर तुरंत क्या करें
काटे गये जगह को साबुन पानी से धोये, दांत के निसान की जांच करें, कही तहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नहीं, काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखें,सर्प-दंश वाले अंग को फिक्स करें, बैंडेज घाव पर और उसके ऊपर लगाएं, घायल व्यक्ति को सांत्वना दें, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जाएगा। और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जायेगा। तुरंत अस्पताल ले जाएँ। यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो एन्टी वेनोम सांप-एवीएस लगवाए।
संपर्दश पर तुरंत क्या ना करें
बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गए स्थान पर न करें, अशिक्षित व्यक्ति टर्निकेट अर्निकेट न बॉधें। इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रुक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती हैं। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाएं यह आगे नुकसान पहुंचाता हैं। घायल को चलने से रोकें। शराब या नींद आने की कोई दवा नहीं दें। मुह से कटे हुए स्थान को न चुसे। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में न आये।
सर्पदंश प्रबंधन
भय एवं चिंता न करें सभी सांप जहरीले नहीं होते। सभी जहरीले सांपों के पास हर समय पूरा जहर नहीं होता अगर पूरा जहर हो तो भी वो इसका लीथल डोज हमेशा नहीं प्रवेश करा पाते है। सॉप के काटने के उपरान्त काटने के निशान की जांच करें। जांच करें कि जहरीले या विषहीन साँप ने काटा हैं। विषयों पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले को जानकारी प्रदाय किया जाएगा एवं सभी प्रशिक्षक अपने ग्राम में लोगों को जागरूक कर सकें एवं सर्पदंश से होने वाले मृत्यु दर को कम किया जा सके।
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