IPS Dipka का प्रांगण हुआ कृष्णमय, मटकी सजाओ एवं दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने दिखाई अपनी प्रतिभा वा दमखम

दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर विद्यालय को कृष्ण रुपि मथुरा का स्वरुप दिया गया।प्री-प्रायमरी कक्षा के बच्चों द्वारा राधा-कृष्ण का वेश धारण कर विद्यालय के माहौल को पूरी तरह कृष्णमयी कर दिया गया।कक्षा 1 व 2 के बच्चों ने भी राधा-कृष्ण का रुप धारणकर अपनी श्रद्धा रूपी भावनाएं व्यक्त की।
विद्यालय में बच्चों के लिए मटकी सजाओ,बंसी बजाओ तथा राधा-कृष्ण का चित्र बनाओ,व मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।


गौरतलब है कि विद्यालय में आकर्षण का मुख्य केंद्र मटकी सजाओ ,मटकी फोड़ व बाँसुरी बजाओ प्रतियोगिता रही जिसे बच्चों के मध्य अलग-अलग कक्षा के स्तर पर वी अलग अलग हाउस के स्तर पर आयोजित किया गया था। विद्यालय में विद्यार्थियों को मुख्यतः चार होसेस में बांटा गया है,जिसमे, टोपाझ,सफायर, एमरल्ड वी रूबी हैं।मटकी सजाओ प्रतियोगिता में लगभग सभी कक्षा के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया। दही हांडी फोड प्रतियोगिता का विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने भरपूर आनंद लिया।पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी दही हांडी को विद्यार्थियों द्वारा फोड़ने का दृश्य अदभुत था।

सहसा मस्तिष्क में वृंदावन की कुंज गलियों का दृश्य उभर आता था।सभी विद्यार्थियों ने दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता का जमकर आनंद उठाया।।यह प्रतियोगिता भी अलग अलग हाउस वाइज आयोजित की गई। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में गर्ल्स एंड बॉयज दोनों ही ग्रुप में टोपाज हाउस के विद्यार्थियों ने अपना शौर्य दिखाकर जीत हासिल की।विद्यालय के संगीत शिक्षक शिक्षक राजू कौशिक सर ने कर्णप्रिय बाँसूरी की तान सुनाकर सबको मुत्रमुग्ध कर दिया।विद्यार्थियों के मध्य जनमाष्टमी का जबरदस्त उत्साह देखा गया।


प्रतियोगिता के अंत में तोपाज हाउस के विजयी प्रतिभागियों को सामूहिक रूप से शील्ड देकर सम्मानित किया गया ।विद्यार्थियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इस प्रतियोगिता के आयोजन में विद्यालय के शैक्षणिक प्रभारी सब्यसाची सरकार एवं श्रीमती सोमा सरकार सहित विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का भरपूर सहयोग रहा। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हमारा देश त्योहारों का देश है।प्रत्येक त्योहार हमें शांति,एकता और आपसी भाइचारे का संदेश देते हैं। विद्यालय में इस प्रकार के आयोजन से बच्चों को विभिन्न धर्मों के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी मिलने के साथ ही साथ आपसी सामंजस्य में भी वृद्धि होती है। विद्यालय वह स्थान है जहाँ सभी धर्मों के सम्मान की शिक्षा दी जाती है।

त्योहारों को समाज के सभी वर्गों के साथ मनाने से सामाजिक एकता में प्रगाढ़ता आती है।पर्वों एवं त्योहारों को मनाने से हमारी सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपरा की अविरल धारा निर्बाध गति से सदैव प्रवाहित होती रहती है।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है,जो कुछ सामाजिक बंधनों और रिश्तों की सुनहरी डोर से बंधा हुआ है।व्यक्ति संपूर्ण जीवन व्यस्त रहता है,इन सबसे कुछ राहत पाने तथा कुछ समय हर्षोल्लास के साथ बिना किसी तनाव के व्यतीत करने के लिए ही मृख्यतः पर्व एवं त्योहार मनाने का  प्रचलन हुआ।