स्थानांतरण संशोधन/ पदोन्नति संशोधन की कार्यवाही में भेदभाव क्यों?



क्या ? पदोन्नति संशोधन में ही भ्रष्टाचार– चिंतन का विषय –ओमप्रकाश बघेल


रायपुर, 31 अगस्त । शिक्षकों की 20 वर्ष की लंबी सेवा एवं पूर्व सेवा गणना का अनदेखी कर सरकार द्वारा असवेंदनशीलता का परिचय देते हुए छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकार के निर्णय के परिपालन में 01 जुलाई 2018 को शिक्षा विभाग मे कार्यरत शिक्षकों को शिक्षक एल बी संवर्ग मे संविलियन किया गया, सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के शिक्षक खुशी से झूम उठे और एक दूसरे को मिठाई बाँट कर सरकार का कृतज्ञता एवं आभार प्रकट किए गए।

तत्पश्चात प्रदेश मे कार्यरत विभिन्न शिक्षक संगठनों संयुक्त शिक्षक संघ, टीचर एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ,नवीन शिक्षक संघ, सहायक शिक्षक फेडरेशन एवं अन्य संगठनों के प्रान्त अध्यक्षों द्वारा सरकार से यह मांग की गई कि शिक्षक एल बी संवर्ग की सेवा अवधि को संज्ञान मे लेकर वरिष्ठता क्रम मे अविलम्ब पदोन्नति का अवसर प्रदान करना चाहिए। उक्त मांगों पर सरकार द्वारा संवेदना का परिचय देते हुए देर न करते हुए अविलंब पदोन्नति सेवा शर्तों में पदोन्नति पर बड़ी निर्णय लेते हुए 05 वर्ष की सेवा अवधि की अनिवार्यता में 02 वर्ष छूट प्रदान करते हुए केवल 03 वर्ष की सेवा पूर्णता एवं वरिष्ठता के आधार पर 1st टाइम रिलैक्सेशन प्रदान करते हुए पदोन्नति का अवसर प्रदान किया गया जो कि शिक्षक एल बी संवर्ग के लिए सरकार का यह निर्णय भी काबिले तारीफ था, सरकार की इस पहल से प्रदेश के एल बी संवर्ग के शिक्षकों के लिए अल्हादकारी क्षण था। सरकार की उक्त निर्णय पश्चात शिक्षा विभाग द्वारा अविलंब कार्यवाही करते हुए प्रदेश के एल बी शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति का बहु प्रतिक्षित लाभ प्रदान किया गया। उक्त पदोन्नति में कुछ तथाकथित नेताओं के लोगों का पदोन्नति नहीं होने एवं स्वार्थ सिद्ध नहीं होने की स्थिति मे पदोन्नति संशोधन कार्यवाही पर भ्रष्टाचार का लेप लगाकर कूटनीतिक नेतागिरी चमकाने सरकार के कुछ सदस्यों के समक्ष अपनी चमचागिरी चमकाने शरण लिया गया, सरकार के सदस्यों के समक्ष पदोन्नति की कार्यवाही मे भ्रस्टाचार का रंग चढ़ा कर प्रस्तुत किए गए। सरकार के कुछ सदस्य के साथ तथाकथित नेताओं का ब्यक्तिगत प्रभाव एवं मिडिया का दबाव के कारण पदोन्नति संशोधन मे भ्रस्टाचार पर वाहवाही बटोरने सदस्यों द्वारा अती उत्साह एवं जल्दबाजी में निर्णय लिए गए जो कि कहीं ऐसा ना हो कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा साबित हो।

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने कहा है कि यदि पदोन्नति निर्देशों, नियम कायदों को ताक में रखकर विभागीय उच्च अधिकारियों द्वारा पदोन्नति की कार्यवाही मे भ्रस्टाचार की गई है तो , भ्रस्टाचारियों प्रति सरकार की कार्यवाही लाजमी है किंतु उन दोष रहित शिक्षकों के ऊपर सरकार की कार्यवाही किसी भी मायने में उचित नहीं। बघेल ने सरकार से पूछा क्या? भ्रस्टाचार का खेला पदोन्नति संशोधन में ही? राज्य स्तरीय स्थानांतरण, संशोधन, नवीन भरती, पदस्थापनाओं मे नही – यह यक्ष एवं प्रदेश के लिए चिंतन का विषय है। सरकार का यदि यह निर्णय की पदोन्नति संशोधन में भ्रष्टाचार हुआ है संशोधन निरस्तीकरण आवश्यक है तो क्या?राज्य स्तरीय स्थानांतरण संशोधन मे खेला नही हुआ, पवित्रता बरती गई। यह की उच्च अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही पर कोई ? प्रश्न चिन्ह नहीं क्यों? कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने राज्य स्तर में हुए सभी संशोधनों चाहे वे स्थानंतरण संशोधन हो, नवीन भर्ती पदस्थापनाएं संशोधन हो, पर जाँच बैठाकर कार्यवाही करे, सरकार का वर्तमान समय किसी का अहित करने का नही -हित करने का है इस विषय पर सरकार को गंभीरता से चिंतन करना चाहिए उनके द्वारा की गई कार्यवाही कर्मचारी हित मे हो सरकार से मांग की है ।