सालों बाद रक्षाबंधन के त्यौहार पर बाजार रहा गुलजार
भिलाई। कोरोना काल के चार साल बाद रक्षाबंधन के त्यौहार के कारण इस बार इस्पात नगरी के सभी बाजारों में जर्बदस्त रौनक देखने को मिली। क्योंकि जहां कोरोना काल में लाखों परिवार अपनों को खोने के गम के साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई थी अब जाकर धीरे धीरे उनकी आर्थिक स्थिति पटरी पर आई है, उसके कारण इस साल इस्पात नगरी के सभी बाजारों में जबर्दस्त रौनक बिखरी रही। खरीदारी करने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। राखी की दुकानों से लेकर कपड़ा, सराफा, गिफ्ट आइटम और मिठाई की दुकानें खरीदारों से गुलजार रही। रंग बिरंगी और आकर्षक राखियां खरीदने बहनों की भीड़ बाजारों में बनी हुई है। शहर में रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियों से बाजार जगमगा उठी है। भाई-बहन के इस पर्व के लिए बहनों में भाई के पसंद के अनुरूप मनभावन राखी खरीदने को लेकर उत्साह देखते बन रहा है। बाजार में आकर्षक राखियों की मांग सबसे अधिक है। खासकर दिल्ली और कोलकाता की बनी राखियों की मांग है। महंगाई के बावजूद बाजार में स्टोन, जरकन और मेटल की राखी, कलावा के साथ रुद्राक्ष के अलावा कई तरह की फैंसी राखियों की मांग अधिक है। शहर के पावरहाउस, सुपेला, भिलाई टाउनशिप सहित खुर्सीपार, रिसाली, भिलाई.3, चरोदा, जामुल और कुम्हारी बाजार के अलावा हर मोहल्ले में राखियों की दुकानें खुली है। जहां थोक से लेकर चिल्हर तक राखी की बिक्री हो रही है। हालांकि महंगाई का असर रक्षा बंधन पर्व पर भी साफ दिखाई दे रहा है। राखियों के दाम में पिछले साल की तुलना में इस बार 20 प्रतिशत तक तेजी आई है। बाजार में वैसे तो कईं तरह के राखियां है। लेकिन स्टोन वाले राखियों को बिक्री अधिक हो रही है। साथ ही स्टाइलिश राखियां, ब्रेसलेट, मोतियों, मेटल एवं भईया-भाभी राखी खूब बिक रही है। बच्चों के लिए बाजार में टैडी, छोटा भीम, डोरीमोन, पबजी सहित कई तरह के राखियां है। भिलाई.3 स्थित राखी का थोक विक्रेता पुखराज जैन ने बताया कि बाजार में थोक में एक रुपये लेकर 130 रुपये तक राखी का दाम है। वहीं खुदरा में राखी पांच रुपये से लेकर 250 रुपये तक बिक रही है। रक्षा बंधन को लेकर तीन महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते है। मांग के अनुसार राखी दूसरे शहर दिल्ली, कोलकाता, मुंबई सहित नागपुर और रायपुर से आता है।
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