कोरबा, 31 अगस्त । इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के समस्त स्टॉफ द्वारा ब्रह्माकुमारी बहनों से राखी बंधवाकर रक्षाबंधन बड़े ही धूमधाम से सेलिब्रेट किया गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था की गेवरा सेंटर से ब्रह्माकुमारी बहनें इंडस पब्लिक स्कूल दीपका पहुंचकर विद्यालय के समस्त स्टॉफ को परमात्म छत्रछाया एवं पवित्रता की प्रतिक रक्षा सूत्र बांधकर रक्षाबंधन सेलिब्रेट किया।
ब्रह्माकुमारीज गेवरा की संचालिका ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने इस अवसर पर कहा की परमात्मा शिव जब धरा पर अवतरित होते हैं तो हम सब मनुष्यों को यह स्मृति दिलाते हैं की बच्चे तुम यह शरीर नही बल्कि एक चैतन्य ज्योति बिंदु आत्मा हो। आत्मा का स्वधर्म शांति, सुख, पवित्रता है। हम माथे पर जो तिलक लगाते हैं वह हमें यही स्मृति दिलाता है की हम एक आत्मा हैं और हमारा स्वधर्म शांत स्वरुप है। आगे बीके ज्योति दीदी ने बतलाया की परमात्मा जब धरा पर अवतरित होते हैं तब हमें पवित्रता की प्रतिज्ञा कराते हैं की हम परमात्मा द्वारा दर्शाये श्रीमत पर चलते विचार, वाणी, कर्म में पवित्रता लाएंगे।
रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बाँधने के रिटर्न में भारत में गिफ्ट देने की प्रथा है तो चुंकि यह राखी परमात्मा की ओर से हम सब मनुष्य आत्माओं के लिए है, ब्रह्माकुमारी बहनें तो बस इस राखी को बाँधने की निमित्त हैं। अब परमात्मा को हम कौन सा गिफ्ट दे सकते हैं। परमात्मा को बच्चों की कमी कमजोरियां चाहिए होती है।
जब हम अपनी कमी कमजोरीयों को परमात्मा पर अर्पण करते हैं तो बदले में परमात्मा हमें सद्गुण देते हैं तो आप सभी को आज अपनी अपनी एक ऐसी हैबिट को चेंज करने का संकल्प लेना है जो हैबिट आपके जीवन में कांटा बना हुआ हो। इसके साथ ही रक्षाबंधन में मुख मीठा कराया जाता है तो आज मिठाई से मुख मीठा करने के साथ एक संकल्प भी लें की हम मुख से सदैव मीठे बोल बोलेंगे।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता से हुई मुलाक़ात में उन्होंने बतलाया की पिछले कई वर्षो से ब्रह्माकुमारीज संस्था की ओर से ब्रह्माकुमारी बहनें इंडस पब्लिक स्कूल के समस्त स्टॉफ को राखी बांधती आई हैं। भारतीय सभ्यता में ब्रह्माचर्य को श्रेष्ठ स्थान दिया गया है। क्योंकि ब्रह्माचर्य की पालना करने वालों में पवित्रता की महान शक्ति होती हैं।
एक तो रक्षाबंधन अपने आप में पवित्र पर्व है और ब्रह्माचर्य रूपी पवित्रता की पालना करने वाली ब्रह्माकुमारी बहनो से परमात्म राखी बंधवाना यह हम सबके लिए बड़े ही शौभाग्य की बात है। चुंकि यह राखी परमात्मा की ओर से है तो इसे सब पहन सकते हैं चाहे मेल हो या फीमेल क्योंकि आखिरकार हम सब एक परमात्मा के ही बच्चे हैं।
यह रक्षा सूत्र तो प्रतिक है, इसे पहनने के साथ मुख्य बात यह है की हम सबको कुदरत की जो मर्यादाएं हैं उस पर हर हाल में चलना है। जब हम ऐसा करते हैं तो बदले में हमें विल पॉवर मिलता है जिससे हमारा कॉन्फिडेंस लेवल इम्प्रूव होता है। और बढ़े हुवे कॉन्फिडेंस के साथ हम जो भी कार्य करते हैं उसमें हमें सफलता हांसिल होती है।
हम इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में इस तरह की एक्टिविटी निरंतर करते ही रहते है क्योंकि किताबी ज्ञान से बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर साइंटिस्ट या वकील बन जाएगा लेकिन उसको जीवन के उतार चढ़ाओ में मजबूत रखने के लिए मोरल वैल्यूज की जरूरत पड़ती है। और इस तरह की एक्टिविटीज से बच्चों में मोरल वैल्यू डालने में सहूलियत होती है।
एक बात हम सभी जानते भी है और मानते भी है की हम कितना भी पढ़ लें अगर हममें मोरल वैल्यूज नही तो हम खोखले रहेंगे। लेकिन मोरल वैल्यू है और ऊपर से पढ़ाई भी पढ़ लें तो पर्सनालिटी पर चार चाँद लग जाते हैं। बस इसलिए हम भारत में मनाये जाने वाले तमाम त्योहारों को किसी ना किसी तरह से विद्यालयीन एक्टिविटी के माध्यम से कोरिलेट करने की कोसिस करते हैं।
क्योंकि भारत में मनाये जाने वाला हर त्यौहार हमें जीवन जीने की शिक्षा प्रदान करता है। अगर हर त्यौहार से हम जीवन जीने की एक एक शिक्षा भी लें तो इससे हमारी पर्सनालिटी काफ़ी इम्प्रूव हो जाती है।
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