भारत ने 2011 वनडे विश्व कप में श्रीलंका को फाइनल में हराकर ट्रॉफी जीती थी। यह टूर्नामेंट महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर के लिए तो विशेष था ही, लेकिन उस विश्व कप के सबसे बड़े नायक युवराज सिंह थे, जिन्होंने अस्वस्थ होने के बावजूद अपने आलराउंडर प्रदर्शन से ना सिर्फ टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका अदा की, बल्कि प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुने गए।
World Cup 2011: Yuvraj Singh ने चार बार जीता प्लेयर आफ द मैच का अवॉर्ड
युवराज सिंह (Yuvraj Singh) 2011 वनडे विश्व कप (World Cup 2011) में शानदार फार्म में थे और उन्होंने कई मैचों में अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। युवराज को कुल चार बार प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था और उन्होंने किसी विश्व कप में सर्वाधिक बार यह पुरस्कार जीतने के मामले में श्रीलंका के अरविंदा डि सिल्वा (1996) और दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर (1999) की बराबरी कर ली थी।
युवराज ने नाम रहीं कई उपलब्धियां
युवराज ने उस दौरान नौ पारियों में 300 से ज्यादा रन बनाए और 15 विकेट लिए। वह पहले आलराउंडर बने जिसने एक विश्व कप में ऐसा किया है। आयरलैंड के विरुद्ध युवराज ने बल्ले और गेंद दोनों से प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। वह पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक विश्व कप में पांच विकेट लेने के साथ ही 50 रन बनाए।
अस्वस्थ होने के बावजूद बरकरार रखा हौसला
युवराज सिंह विश्व कप के दौरान अस्वस्थ हो गए थे और उन्हें कई तरीके की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसके बावजूद वह डटे रहे और टीम को विश्व विजेता बनाया। बाद में उन्हें कैंसर का पता चला और अमेरिका में उनका इलाज हुआ।
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