Chandrayaan-3 Landing: गड़बड़ी से पहले ही ऐसे खतरा भांप लेगा चंद्रयान-3, ISRO का कैमरा कर रहा कमाल

चांद की सतह पर चंद्रयान-3 लैंड होने ही वाला है, अगर सबकुछ ठीक रहा तो 23 अगस्त की शाम 6 बजे चांद पर तिरंगा लहरा रहा होगा. सॉफ्ट लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 ने सोमवार को कुछ ताज़ा तस्वीरें भेजी हैं, ये विक्रम लैंडर पर लगे कैमरे का कमाल है जिससे उस सतह की तस्वीर आ गई है जहां चांद को लैंड होना है. लेकिन विक्रम का यह कैमरा किस तरह सॉफ्ट लैंडिंग में आने वाली सभी मुश्किलों की जानकारी पहले ही दे दे रहा है और कैसे क्रैश के खतरे को कम कर रहा है, जानिए…

ISRO ने सोमवार को चांद के दूर के हिस्से की ताजा तस्वीरें शेयर कीं. ये फोटोज़ विक्रम लैंडर के हेज़र्ड डिटेक्शन एंड एवॉइडेंस कैमरे (HLDAC) से ली गई हैं, लैंडिंग से ठीक पहले ये तस्वीरें इसलिए ली गई हैं ताकि लैंड होने वाली जगह को पूरी तरह से चेक कर लिया जाए. इसी आधार पर सेफ लैंडिंग एरिया देखा जाएगा और फिर विक्रम लैंडर को सॉफ्ट लैंड कराने की प्रक्रिया शुरू होगी.

चंद्रयान-2 के फेल होने के बाद चंद्रयान-3 में इसरो ने वो तमाम एहतियात बरते हैं, ताकि इस बार सॉफ्ट लैंडिंग में कोई भी दिक्कत नहीं आए. इसरो का SAC सेंटर इन तस्वीरों की जांच कर रहा है, यही सेंटर इसरो के सभी मिशन से जुड़े अंतरिक्ष उपकरणों के डिजाइन और बाकी चीज़ों का ध्यान रखता है. यानी इस बार ISRO उन तमाम कमियों को दूर करना चाहता है, जो चंद्रयान-2 के वक्त पर हुई थी.

चंद्रयान-3 पर क्या है ताज़ा अपडेट

इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर 23 अगस्त बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर लैंड करेगा. 18 अगस्त के बाद से दो बार विक्रम लैंडर की डीबूस्टिंग की जा चुकी है, जिनके जरिए विक्रम लैंडर को पहले चांद के 100 किमी. और फिर 30 किमी. रेंज में लाया गया है. डिबूस्टिंग की प्रक्रिया के बाद अब विक्रम लैंडर को लैंडिंग की पॉजिशन में लाया जाएगा, 23 अगस्त को जब चांद पर सूर्योदय होगा, तब इसरो द्वारा विकर्म लैंडर को लैंड कराने का काम किया जाएगा.

एक बार जब विक्रम लैंडर लैंड होगा, तब उसमें से प्रज्ञान रोवर उतरेगा. लैंडर और रोवर दोनों पर ही कैमरे लगे हुए हैं, यानी इस दौरान की पूरी प्रक्रिया रिकॉर्ड होगी और अलग-अलग तरह से वीडियो, तस्वीरें निकाली जाएंगी जिनका अध्ययन किया जाएगा. इसरो के चंद्रयान-3 से पहले रूस का लूना-25 भी चांद पर लैंड करने वाला था, लेकिन 20 अगस्त को वह क्रैश हो गया. ऐसे में अब पूरी दुनिया की निगाहें चंद्रयान-3 पर हैं.

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