रायपुर,21 अगस्त । कोंडागांव जिले के पूर्व कलेक्टर नीलकंठ टेकाम बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। 23 अगस्त को उनके शामिल होने की अटकलें हैं। बुधवार को केशकाल में बीजेपी प्रभारी ओम माथुर के सामने वे बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं। IAS नीलकंठ टेकाम ने पहले वीआरएस के लिए आवेदन भी दिया था। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी उन्हें विधानसभा का टिकट भी दे सकती है। टेकाम केशकाल या कोंडागांव से चुनाव लड़ सकते हैं।
सोशल मीडिया में 23 अगस्त को शामिल होने की खबरें चल रही हैं।
छात्र राजनीति से IAS बनने का सफर
बस्तर में कांकेर जिले का अंतागढ़ सरईपारा नीलकंठ टेकाम का मूल निवास है। यहीं उनकी स्कूली शिक्षा भी हुई है। जिसके बाद कांकेर जिले में शासकीय गवर्मेंट कॉलेज से उन्होंने 1990 के दशक में समाजशास्त्र से एमए किया। यहीं कुशल नेतृत्व के चलते छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे।
साल 1994 में उन्होंने MP-PSC क्रेक किया और एसटी वर्ग में टॉपर रहे। उनकी ज्यादातर पोस्टिंग बस्तर संभाग में रही। जगदलपुर में करीब 6 साल एसडीएम से लेकर अपर कलेक्टर रहे और जगदलपुर में नगर निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी भी सम्भाल चुके हैं। वे दंतेवाड़ा जिला के जिला पंचायत सीईओ भी रहे हैं। कोंडागांव कलेक्टर रहते हुए उन्होंने नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में कोंडागांव को नंबर-1 बनाया है। उनके रिटायरमेंट का समय साल 2028 तक है। साल 2008 में उन्हें IAS अवॉर्ड भी मिला है।
अविभाजित मध्यप्रदेश में भी चुनाव लड़ने दे दिया था इस्तीफा
छात्र राजनीति में सक्रिय रहने के बाद नीलकंठ टेकाम की इच्छा शुरू से ही राजनीति में आने की थी। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था तब वे बड़वानी जिले में एसडीएम के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने हजारों लोगों के साथ कलेक्टर दफ्तर पहुंचकर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कुछ आदिवासी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद उनका नामांकन वापस कराया गया और फिर वे नौकरी में बने रहे।
ओपी चौधरी ने भी इस्तीफा देकर लड़ा था चुनाव
2005 बैच के IAS रहे ओपी चौधरी ने भी इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था। साल 2018 में बीजेपी जॉइन करने के बाद चौधरी ने खरसिया सीट से विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल के खिलाफ लड़ा लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हार के बावजूद ओपी चौधरी बीजेपी में लगातार सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस वक्त वे बीजेपी महामंत्री की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं।
[metaslider id="347522"]