आजादी के बाद पहली बार एल्मागुण्डा पहुंची बिजली, रौशन हुआ गांव

सुकमा ,16 अगस्त  दशकों बाद अतिसंवेनशील क्षेत्र ग्राम एल्मागुण्डा में अंधेरों की घटा अब छटने लगा है। स्वतंत्रता दिवस के पूर्व ग्राम एल्मागुण्डा में शासन-प्रशासन के सहयोग से विद्युतिकरण पूर्ण हुआ। दशकों बाद ग्राम में बिजली की रोशनी पाकर वासिदों के चेहरे पर मुस्कान की घटा छायी है। एल्मागुण्डा विकासखण्ड कोंटा में स्थित एक ग्राम है।

आजादी के 76 साल बाद ग्राम एल्मागुण्डा में विद्युतिकरण होने से ग्रामीणों के घरों में वर्षों बाद बिजली पहुंची है। गांव में बिजली की रोशनी की जगमगाहट से ग्रामीणों के चेहरे में खुशी का माहौल बना हुआ है। अब ग्रामीणों के बच्चें को पढ़ाई के लिए बेहतर रोशनी मिली है। वहीं ग्रामीणों को बिजली की रोशनी से रात में भी दिन जैसा वातावतरण महसूस करने लगे है। दशकों से अंधेरे में रह रहे ग्रामीणों को ग्राम में रोशनी पहुंचने से ग्रामीणों ने शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

सुकमा के ग्रामों में सीआरपीएफ जवानों के कैम्प स्थापित होने से सिर्फ असामाजिक से राहत के साथ ही विकासात्मक कार्य को भी गति मिली है। पुलिस उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ (ऑप्स) सुकमा अरविंद राय, कलेक्टर हरिस एस. पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के सतत् प्रयासों से छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण विभाग ग्राम एल्मागुण्डा में 14 अगस्त को बिजली पहुंचाई है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम एल्मागुण्डा में असमाजिक तत्वों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा ग्राम में नहीं पहुंच पाई थी। जिससे कारण ग्रामीण अंधकारमय जीवन यापन करने को मजबूर थे। ग्रामवासियों की बैठक लेकर जिला पुलिस ने विकास कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ग्राम तोंण्डामरका में छः माह पूर्व नवीन कैम्प स्थापित करने से क्षेत्र के विकास कार्य को गति मिली। जिससे 14 अगस्त को ग्राम एल्मागुण्डा में बिजली पहुंचाई गई।