सुकमा, 14 अगस्त । स्वतंत्रता दिवस से पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव में आखिर बिजली पहुंच गई है। हालांकि इस गांव में बिजली पहुंचने में पूरे 76 साल का समय लग गया। लेकिन अब जब बिजली पहुंची तो गांव वालों की खुशी ठिकाना नहीं है।
आजादी 76 साल बाद एलमागुंडा हुआ रोशन
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गांव में आजादी के 76 साल बाद बिजली पहुंची, जिसके बाद ग्रामीण काफी खुश हुए। पुलिस, सीआरपीएफ व जिला प्रशासन की मदद से ये संभव हो पाया। सुकमा जिले के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम एलमागुंडा में जिला पुलिस बल, सीआरपीएफ, प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के परिणाम स्वरूप स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले रविवार को विद्युतीकरण कार्य संपन्न हुआ। ग्राम एलमागुंडा में नक्सलियों के हिंसात्मक कृत्यों के कारण बिजली की सुविधा आज तक नहीं पहुंच पाई थी। ग्रामीण अंधकारमय जीवन जीने को मजबूर थे।
जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर ग्राम एलमागुंडा सहित आसपास के ग्रामीणों की लगातार बैठक लेकर ग्रामीणों को नक्सली कृत्यों से अवगत कराकर ग्रामों के विकास में सहभागी बनने तथा ग्रामीणों को नक्सलवाद से दूर रहने, गांव के विकासात्मक कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पुलिस, सीआरपीएफ व जिला प्रशासन के प्रयास हुआ संभव
जिला पुलिस, सीआरपीएफ एवं प्रशासन के प्रयासों से आज सोमवार को ग्राम एलमागुंडा के ग्रामीणों का घरों में विद्युतीकरण होने से पूरा गांव जगमगा उठा है। ग्रामीणों के चेहरे में वर्षों बाद घरों में बिजली की रोशनी की जगमगाहट से खुशी का माहौल है।
ग्रामीण शासन-प्रशासन की प्रशंसा कर रहे हैं एवं भविष्य में नक्सलवाद से दूर रहने कृतसंकल्पित हैं। उल्लेखनीय है कि ग्राम तोंडामरका में छह माह पहले ही सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया है। कैंप लगने के बाद एलमागुंडा के विकासात्मक कार्यो में तेजी आई है। भविष्य में भी ग्रामीणों तक अन्य सुविधाएं पहुंचाई जाएगी।
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