नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार प्रकाशन उद्योग को नीतिगत पहल के जरिए समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे किताबों की बढ़ती मांग को पूरा करने में वे और अधिक सक्षम हो सकें। श्रीमती ईरानी ने फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर (एफआईपी) की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘इंडियन पब्लिशर्स कॉन्फ्रेंस 2023’ का उद्घाटन किया।
यह आयोजन भारतीय प्रकाशन उद्योग में उत्कृष्टता और प्रगति के 50 वर्षों का जश्न मनाते हुए फेडरेशन की स्वर्ण जयंती का प्रतीक है। सम्मेलन की थीम ‘वर्ष 2047 में भारत: राष्ट्र निर्माण में प्रकाशन की भूमिका’ पर आधारित है। सम्मेलन का उद्देश्य देश के भविष्य को तैयार करने में प्रकाशन की महत्वपूर्ण भूमिका का पता लगाने के लिए उद्योग जगत के नेताओं, नवप्रवर्तक और हितधारकों को एक मंच पर साथ लाना है।
इस मौके पर श्रीमती ईरानी ने पाठकों और प्रकाशकों के बीच सहयोग की भावना को अपरिहार्य बताते हुए युवा पीढ़ी को डिजिटल माध्यम से भी पढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ हालिया शोध से पता चला है कि कम उम्र के बच्चे लैपटॉप, मोबाइल, जैसे उपकरणों को जल्दी शुरू कर देते हैं, जिससे उनके विचार नकारात्मकता की ओर जाने की संभावना होती है। उन्हाेंने किताबों के अध्ययन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सभी वर्ग के लोगों को प्रिंट की हुईं किताबें भी पढ़नी चाहिए। उन्होंने स्थानीय भाषाओं में पुस्तकों को डिजिटल बनाने और युवा पीढ़ी के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने पर बल दिया।
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