जशपुर : जशपुर जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु वार्ड के बाथरूम में नवजात बच्चे का शव मिला है। अस्पताल में काम करने वाली स्वीपर जब बाथरूम साफ करने पहुंची, तो उसने टॉयलेट के कमोड में बच्चे का शव देखा। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी गई। बच्चे के शव को बाथरूम से निकाल लिया गया है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।
इधर बच्चे का शव कमोड में मिलने की सूचना पर CMHO, सिटी कोतवाली पुलिस, SDM और तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। CMHO डॉ रंजीत टोप्पो ने बताया कि अस्पताल में जिन महिलाओं का पंजीयन हुआ है, उनमें से ये बच्चा किसी का नहीं है। हो सकता है कि कोई महिला जांच कराने अस्पताल में आई हो और बाथरूम जाने पर उसका मिसकैरेज हो गया होगा।
डॉ रंजीत टोप्पो ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद है। जांच के बाद जो भी बात सामने आएगी, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस बात की जांच में जुट गई है कि बाथरूम में नवजात का शव कहां से पहुंचा, इसलिए CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।
जिला अस्पताल के RMO उदय भगत ने बताया कि मृत बच्चे की डिलीवरी अस्पताल में नहीं हुई है, ये साफ है, क्योंकि नाल और प्लेसेंटा भी बच्चे से जुड़ा हुआ मिला है। फिलहाल जांच चल रही है।
टॉयलेट में अज्ञात नवजात शिशु का शव मिलने की घटना में जांच तेज कर दी गई है। एसडीएम प्रशांत कुशवाहा, नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी रविशंकर तिवारी मौके पर जांच के लिए पहुंचे। यहां अस्पताल के सभी कमरों सहित टॉयलेट की जांच की गई। डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि बच्चे की डिलीवरी अस्पताल में नहीं हुई है, बल्कि उसके जन्म के बाद उसे टॉयलेट में छोड़ा गया है।
प्रशासनिक अधिकारी ने बताया है कि 11 अगस्त को करीब साढ़े 12 बजे रात में नवजात बच्चे का शव मिला। बच्चा लड़का था और उसकी डिलीवरी कुछ समय पहले ही हुई थी। बच्चे को सबसे पहले सेरोफिना तिग्गा ने देखा, जिनकी बेटी की डिलीवरी भी इसी वार्ड में हुई है। लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी किसी को नहीं दी। इसके बाद स्वीपर लक्ष्मी बाई ने टॉयलेट की सफाई के दौरान मृत बच्चे को देखकर ड्यूटी डॉक्टर अंजना लकड़ा और डॉक्टर अनुभा लकड़ा को इसकी जानकारी दी।
मृत शरीर की जांच में ये बात आई सामने-
1. शव के साथ प्लेसेंटा था।
2. एंबलिकल कॉर्ड यानी गर्भनाल में कोई क्लैंप नहीं लगा था और न ही उसे काटा गया था।
3. मृत बच्चा लड़का था और उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट का निशान नहीं पाया गया।
4. एमसीएच वार्ड में 11 अगस्त को भर्ती मरीजों में से किसी की भी डिलीवरी में बच्चे की मौत नहीं हुई है। कुल 3 बच्चों का जन्म हुआ है और सभी जीवित हैं।
5. स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजना लकड़ा और एमडी डॉ अनुभा लकड़ा ने बताया कि OPD में ऐसी कोई महिला नहीं आई, जिसकी डिलीवरी की स्थिति हो।
6. बच्चे की डेड बॉडी साफ-सुथरी पाई गई है और रास्ते या टॉयलेट में खून के निशान नहीं मिले हैं। इससे पता चलता है कि टॉयलेट में डिलीवरी नहीं की गई है, क्योंकि किसी के भी चिल्लाने या दर्द में होने की आवाज नहीं आई। वार्ड में लोगों का लगातार आना-जाना लगा रहता है। ऐसा लगता है कि बच्चे के जन्म के बाद उसे टॉयलेट में छोड़ दिया गया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की सही वजहों और समय का खुलासा हो सकेगा।
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