कोरबा, 9 अगस्त । 9 अगस्त को कोरबा जिला ही नहीं अपितु समूचे प्रदेश में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है लेकिन ठीक इसी बीच कोरबा जिले मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत हरदी मौहा पोस्ट गढ़उपरोड़ा विकासखंड कोरबा के रहने वाली कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा पिता धीर सिंह के साथ शिक्षा विभाग के उन लापरवाह प्रधान पाठकों के द्वारा उनके भविष्य के साथ किस प्रकार खिलवाड़ करते हुए उसका मजाक उड़ा है।
इसका अंदाज़ तब लगता है जब उसकी अध्यापन कार्य से जुड़े अंक सूची को देखने से मिलता है कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा कक्षा पांचवी की पडड़ाई अपने ही ग्राम पंचायत में संचालित प्राथमिक शाला हरदी मौहा में की उक्त अनुसूची में उनका जन्म तिथि 7-1- 1999 अंकित किया गया लेकिन आगे की पढ़ाई करने के लिए माध्यमिक शाला नहीं होने की वजह से वह गढ़ उपरोड़ा पूर्व माध्यमिक शाला में प्रवेश लिया और पढ़ते-पढ़ते आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो गई उसकी आठवीं की अंकसूची में विद्यालय के प्रधान पाठक द्वारा उसका जन्म तिथि 10.1 1999 दर्ज कर दिया गया यही नहीं उसके आधार कार्ड एवं पैन कार्ड में 12 12 2001 दर्ज है।
शिक्षक एक ओर जहां राष्ट्र निर्माता कहा जाता है ठीक इसके विपरीत उनके द्वारा कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा के शासकीय दस्तावेजों अलग-अलग जन्म तिथि अंकित कर दिया गया है इस संबंध में गत दिनों कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा अपनी जन्मतिथि को सही अंकित करने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय में संचालित लोक सेवक केंद्र पहुंची थी इसी बीच वरिष्ठ समाज सेवी मनीराम जांगड़े से उसकी मुलाकात हो गया इस बीच उन्होंने अपनी सभी की दस्तावेजों के साथ प्रधान पाठकों के द्वारा अपने मनचाही जन्मतिथि अंकित कर देने की बात बताई कु आरती की बात सुन कर जांगड़े ने सहयोग की भावना से उसकी उक्त समस्या के निराकरण हेतु शिक्षा विभाग एवं आधार कार्ड में त्रुटि सुधार करने वाले संबंधित कर्मचारी से मुलाकात की है लेकिन बड़ी खेत की बात यह है कि सभी ने यह कहा कि विद्यालय के दस्तावेज में जो जन्म तिथि अंकित किया गया है उस पर हम किसी प्रकार की कोई कारझाट नहीं कर सकते।
आगे मनीराम जांगड़े ने यह कहा कि मैं तत्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार झा एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्रीकांत कशेर जी का हृदय से सधन्यवाद व्यापित करता हूं जो की उन्होंने इन समस्त त्रुटियों को नजर अंदाज करते हुए कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा को चतुर्थ श्रेणी नियमित शासकीय कर्मचारी के रूप में नियुक्त कर शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गड़ उपरोड़ा में अब से कुछ माह पहले पदस्थ किया है आगे उन्होंने यह भी कि अगर जिला प्रशासन कुमारी आरती पहाड़ी कोरवा के दस्तावेजों की बारीकी से जांच की होती तो शायद शासन प्रशासन के नियम अनुसार उन्हें अपने परिवार के भरण पोषण करने के लिए उक्त शासकीय नौकरी नहीं मिलता और वह डर-डर की ठोकर खाने को मजबूर होते एक और जहां उसे समय के तत्कालीन उक्त विद्यालय के प्रधान पाठकों के द्वारा कुमारी आरती के भविष्य के साथ की गई खिलवाड़ नहीं करते तो वह आज अपने एक ही जन्म तिथि वाले समस्त दस्तावेज उसके पास होता सबसे बड़ी बात यह है कि आज उनके सर्विस बुक में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कोरबा कार्यालय के कर्मचारी भी असमंजस में है कि इनकी सर्विस बुक में हम कौन सा जन्मतिथि अंकित करें इस संबंध में वरिष्ठ समाजसेवी मनीराम जांगड़े ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी के साथ अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री मोहन मरकाम व जिला कलेक्टर कोरबा के साथ ही सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा एवं जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भरद्वाज विकास खंड शिक्षा अधिकारी संजय अग्रवाल को पत्र लिखकर मांग किया है कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा कुमारी आरती के शासकीय दस्तावेजों में विद्या के प्रधान पाठकों द्वारा की गई लापरवाही पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें ताकि आने वाले समय में और किसी अन्य शिक्षक इस प्रकार के अपने विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं की अंकसूची सहित विद्यालय के समस्त शासकीय दस्तावेजों में उनका नाम जन्म तिथि पिता का नाम सही और सत्य अंकित किया जाए और कुमारी आरती के अध्यापन कार्य के समय उक्त विद्यालयों में पदस्थ प्रधान पाठकों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि इस प्रकार की तुलना भित्ति कदापि ना हो।
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