दूसरे इसे हिमाकत कहेंगे, लेकिन अपने अंदाज के कारण राजनीति के अलहदा खिलाड़ी लालू प्रसाद यादव ने पटना हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले के बदल जाने की भविष्यवाणी की थी। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट के आदेश के तत्काल बाद कहा था- “बिहार में जातिगत जनगणना जरूर होगी।” कोर्ट ने अंतरिम आदेश में इसे जातिगत जनगणना बताते हुए रोक लगाई थी। ऐसे में लालू ने भी इसे जातिगत जनगणना कहते हुए लिखा था कि यह जरूर होगी। वह भविष्यवाणी सही हुई। हाईकोर्ट ने ही अंतिम फैसले में सीधे-सीधे इसे सर्वे बताकर जनगणना शुरू कराने का आदेश दिया। अब बारी दूसरी भविष्यवाणी की है। उसके भी सच होने का रास्ता दिख गया है।
लालू ने ‘दूल्हा’ बनने को कहा तो इशारा माना गया
23 जून को पटना में विपक्षी एकता के लिए हुई बैठक के अंत तक जब इसके संयोजक की घोषणा नहीं हुई तो मीडिया से बातचीत के दौरान लालू प्रसाद ने बातों-बातों में राहुल गांधी को कहा कि हमलोग तैयार हैं, जल्दी दूल्हा बनिए। लालू की इस पंक्ति को दो अर्थों में लिया गया। एक तो उनकी शादी के लिए, क्योंकि वह अबतक कुंआरे हैं। दूसरा, विपक्षी एकता का ‘दूल्हा’ बनने के नजरिए से। दूसरा वाला अर्थ ज्यादा चर्चा में इसलिए भी रहा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) बार-बार एक ही बात कह रही थी- “बाराती जुट रहे, लेकिन दूल्हा (नेता) तय होना मुश्किल है।”
संयोजक पद पर चर्चा में ही रह गए नीतीश
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर हुई विपक्षी एकता की पहली बैठक में संयोजक की घोषणा नहीं हुई, जबकि यह माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ बगावत की बिगुल फूंकते हुए बगावती झंडा लिए आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह पद मिल जाएगा। पहली बैठक में लालू ने जब राहुल को लेकर दूल्हे की चर्चा की, तभी शंका के बीज पड़ गए थे कि नीतीश इंतजार करते रह जाएंगे। बेंगलुरू की दूसरी बैठक में भी संयोजक पद के लिए नाम का इंतजार ही रह गया। इस बार तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार से गए महागठबंधन के तमाम नेता बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुए बगैर लौट आए थे। माना गया कि नीतीश नाराज होकर लौटे, हालांकि उन्होंने दुहराया कि उन्हें पद की लालसा नहीं और वह अगले दिन होने वाले राजगीर के मलमास मेला के कारण जल्दी लौट आए हैं।
अब भविष्यवाणी सही होने के पहले पार्टी
राहुल गांधी की सांसदी लौटने का रास्ता एक तरह से खुल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने का फैसला दिया है। मतलब, जिस आधार पर उनकी सांसदी गई- वह खत्म। मतलब, सांसदी लौटाने की अब औपचारिकता कभी भी हो सकती है। ऐसा होते ही राहुल गांधी के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (I.N.D.I.A. Parties) के चेयरमैन या संयोजक बनने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। चाणक्य स्कूल ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कहते हैं- “अभी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का अस्तित्व कायम है, जिसकी चेयरपर्सन सोनिया गांधी हैं।
अगर राहुल गांधी को I.N.D.I.A. में सम्मानजनक पद मिल गया तो कांग्रेस यूपीए को भंग करने के लिए भी तैयार हो जाएगी, यह पक्का है।” शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुबह में आया और शाम में राहुल गांधी ‘दूल्हा’ की भविष्यवाणी करने वाले लालू प्रसाद से गले मिलने मीसा भारती के आवास पर पहुंचे। वहां बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे। जैसी चर्चा रही थी कि लालू ने बेंगलुरु बैठक के दौरान कांग्रेस को I.N.D.I.A. के नेतृत्व का न्यौता दिया था तो संभव है कि अब वक्त आने वाला है।
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