छत्तीसगढ़: प्रदेश के सभी नदी-नाले उफान पर, अब तक 591.7 मिमी बारिश, तापमान में गिरावट से मौसम में आई ठंडकता

रायपुर,05 अगस्त । छत्तीसगढ़ में कई दिनों से लगातार बारिश होने से नदी, नाले और डैम उफान पर हैं। मौसम विभाग ने आने वाले 72 घंटों के लिए कई जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आने वाले 3 दिनों तक कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। मानसूनी तंत्र की सक्रियता से रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में अब बारिश की स्थिति सुधरने की ओर है। एक जून से लेकर तीन अगस्त तक छत्तीसगढ़ में 591.7 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य की तुलना में तीन फीसद कम है। बीजापुर में सर्वाधिक 1066 मिमी बारिश हुई है और सरगुजा में सबसे कम 314.3 मिमी बारिश हुई है। बीते तीन दिनों में ही प्रदेश में लगभग 55 मिमी वर्षा हुई है। रायपुर जिले में अभी तक 752.6 मिमी बारिश हुई है, यह सामान्य से 36 फीसद ज्यादा है।

शुक्रवार सुबह से ही रायपुर सहित प्रदेश भर में बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश हुई। बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण इन दिनों अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण ठंडकता भी बढ़ गई है। शुक्रवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि अरब सागर से वातावरण के निम्न स्तर पर बहुत अधिक मात्रा में नमी आ रही है, इसके चलते प्रदेश में बादल छाए रहेंगे। साथ ही कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा होगी।

मुख्य मार्गों के साथ गली मुहल्लों में भी पानी

बीते तीन दिनों की बारिश के चलते ही शहर के मुख्य मार्गों के साथ ही गली मुहल्लों में भी जलभराव की स्थिति आ गई है। काठाडीह, प्रोफेसर कालोनी, लालपुर के आगे सहित कुछ क्षेत्रों में पानी के चलते सड़क ही डूब गई है। अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट से इन दिनों मौसम में ठंडकता आ गई है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि शनिवार को भी हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार है।

इन क्षेत्रों में हुई बारिश

कटघोरा 11 सेमी, पेंड्रा 10 सेमी, पेंड्रा रोड 7 सेमी, जशपुरनगर-प्रेमनगर-मनेंद्रगड़-सक्ती 5 सेमी, मरवाही-रामानुनगर-भैयाथान 4 सेमी वर्षा हुई। इसके साथ ही प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई। बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते अब किसानों के चेहरे भी खिलने लगे है। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून पहले से ही विलंब था और 31 जुलाई तक की स्थिति में भी प्रदेश में बारिश सामान्य बारिश की तुलना में 10 फीसद पिछड़ा हुआ था।