नईदिल्ली I भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैच की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला टीम इंडिया ने पांच विकेट से अपने नाम किया। इसके साथ ही भारत ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। टेस्ट सीरीज को 1-0 से अपने नाम करने के बाद भारतीय टीम वनडे सीरीज भी जीतने से एक कदम दूर है। वहीं, वेस्टइंडीज के लिए टीम और फॉर्मेट बदल रहे हैं, लेकिन नतीजे समान हैं। विश्व कप से बाहर होने के बाद यह टीम नई शुरुआत के साथ भारत के खिलाफ मैदान में उतरी थी, लेकिन यह टीम 23 ओवर में ही 114 रन पर सिमट गई। भारत ने 22.5 ओवर में पांच विकेट खोकर 118 रन बनाए और जीत हासिल कर ली।
इस मैच में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। हार्दिक ने गेंदबाजी की शुरुआत की और मुकेश ने दूसरे छोर से नई गेंद संभाली। मुकेश ने अपने पहले वनडे मैच में पहला ही ओवर मेडन किया। इसके बाद हार्दिक ने अपने दूसरे ओवर में काइल मेयर्स को पवेलियन भेज दिया। ब्रेंडन किंग और एलिक अथानाज ने 38 रन की साझेदारी की, लेकिन अथानाज को मुकेश कुमार ने पवेलियन भेज दिया।
स्पिन के सामने बिखरे कैरिबियाई बल्लेबाज
पिच से गेंदबाजों को थोड़ी मदद मिल रही थी, लेकिन वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने क्रीज पर जमकर खेलने की कोशिश नहीं की। किंग भी 17 रन बनाकर शार्दुल ठाकुर की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके बाद भारत के स्पिन गेंदबाजों ने विकेट लेने की जिम्मेदारी संभाली। रवींद्र जडेजा ने शिमरन हेटमायर, रोमारियो शेफर्ड और रोवमैन पॉवेल को आउट किया। इस बीच कैरिबियाई कप्तान शाई होप एक छोर पर खड़े रहे और रन बनाते रहे, लेकिन किसी ने भी उनका साथ देने की कोशिश नहीं की। वेस्टइंडीज के सभी बल्लेबाज विकेट फेंककर आउट होते रहे।
वेस्टइंडीज के छह विकेट गिरने के बाद रोहित शर्मा ने कुलदीप यादव को गेंद सौंपी और उन्होंने वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों को सस्ते में समेट दिया। कुलदीप ने चारों विकेट लिए। अंत में शाई होप भी कुलदीप का शिकार बने। होप ने अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा 43 रन बनाए। उनके अलावा अथानजे 22, किंग 17 और हेटमायर 11 रन ही दहाई का आंकड़ा पार कर पाए। वेस्टइंडीज के सात बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए।
कुलदीप जडेजा ने रचा इतिहास
भारत के लिए कुलदीप यादव ने सबसे ज्यादा चार विकेट झटके और वेस्टइंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों को आसानी से आउट किया। वहीं, रवींद्र जडेजा ने तीन विकेट झटके। इसके साथ ही इन दोनों ने इतिहास रच दिया। यह पहला मौका था, जब भारत के दो बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों ने मिलकर किसी वनडे मैच में सात विकेट लिए हों। हार्दिक पांड्या, शार्दुल ठाकुर और मुकेश कुमार को एक-एक विकेट मिला।
आसान लक्ष्य हासिल करने में भारत के पांच विकेट गिरे
115 रन का आसान लक्ष्य मिलने के बाद रोहित ने शुभमन गिल के साथ ईशान किशन को पारी की शुरुआत करने के लिए भेजा। गिल इस मैच में भी कुछ खास नहीं कर पाए और सात रन बनाकर आउट हो गए। तीसरे नंबर पर आए सूर्यकुमार यादव भी 19 रन बनाकर चलते बने। हार्दिक चौथे नंबर पर भेजे जाने के बाद अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। ईशान किशन के बल्ले से निकली गेंद गेंदबाज के हाथ में लगकर स्टंप पर लग गई और हार्दिक को पवेलियन जाना पड़ा।
पांचवें नंबर पर आए जडेजा 16 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन ईशान किशन 52 रन बनाकर आउट हो गए। शार्दुल भी छठे नंबर पर आए, लेकिन एक रन बनाकर आउट हो गए। अंत में रोहित शर्मा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए और 12 रन बनाकर चौके के साथ मैच खत्म किया। भारत के पांच विकेट गिरने के बावजूद विराट कोहली इस मैच में बल्लेबाजी के लिए नहीं आए। अगर उन्हें बल्लेबाजी के लिए आना पड़ता तो यह पहला मौका होता जब वह आठवें नंबर पर या इससे नीचे बल्लेबाजी करते। वेस्टइंडीज के लिए गुदाकेश मोती ने दो और जायडेन सेल्स-यानिक करिआह ने एक-एक विकेट लिया।
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