पिपरदा गौठान से दुर्गा समूह की महिलाओं के जीवन में आई बहार

जांजगीर-चांपा,24 जुलाई। पिपरदा गौठान से दुर्गा स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ ही अन्य आजीविका गतिविधियों को करते हुए सशक्त बन रही है। गोधन न्याय योजना महिलाओं के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है और जहां एक ओर गौठान में पशुओं के लिए आसरा मिल रहा है तो दूसरी ओर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है।

जांजगीर-चांपा जिले की विकासखण्ड बम्हनीडीह के पिपरदा गौठान में दुर्गा स्व सहायता समूह है, जो गोबर खरीदी करके वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर लाभ कमा रही हैं। गौठान समिति के माध्यम से 1 लाख 25 हजार 151 किलोग्राम गोबर की खरीदी की गई। इस गोबर से स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का कार्य शुरू किया गया। कम समय में ही महिलाओं ने आर्थिक रूप से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाया और आर्थिक रूप से मजबूत बनी। समूह की महिलाओं ने चरणबद्ध तरीके से कार्य करते हुए वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया और उसे बेचा।

समूह की अध्यक्ष श्रीमती उर्मिता बाई पटेल ने बताया कि समूह ने गोबर से 42 हजार 238 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया। इस कार्य में प्रारंभिक निवेश करते हुए 50 हजार रूपए की लागत लगाई, जिससे अब तक 1 लाख 50 हजार रूपए की आय अर्जित कर चुकी हैं। इसके अलावा समूह के द्वारा मुर्गीपालन क्षेत्र में भी हाथ अजमाए, जिसमें वह सफल रही, उनकी सफलता इसी बात से दिखती है कि उन्होंने 40 हजार रूपए की लागत लगाकर यह कार्य शुरू किया और अपनी मेहनत के बल पर 80 हजार रूपए की आय इस गतिविधि के संचालन से हुई। इस समूह के कदम यहीं नहीं रूके बल्कि इन कदमों को और आगे बढ़ाया और सब्जी बाड़ी करते हुए कार्य शुरू किया। समूह की महिलाएं जानती है कि जितनी अधिक मेहतन करेंगे उतना अधिक मुनाफा होगा। इसलिए लगातार वह गौठान में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करती रहीं, इस समूह की महिलाओं ने सब्जी बाड़ी में 10 हजार रूपए की लागत से कार्य प्रारंभ किया और 15 हजार का मुनाफा कमाया। समूह की द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य भी किया जा रहा है। समूह की महिलाओं का कहना है कि राज्य सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना उनके जीवन को खुशहाल बना रही है, इससे वह गांव में रहते हुए ही अच्छी आमदनी अर्जित करते हुए बच्चों की अच्छी शिक्षा पर खर्च करते के साथ ही परिवार की मदद कर पा रही हैं।