KORBA :स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश स्कूल में परोसा जा रहा घटिया खाना…

कोरबा, , 24 जुलाई I बाल्को क्षेत्र की सेक्टर 5 में स्थित स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश स्कूल बाल्को में अधिकतर गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। यह लगभग 500 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश स्कूल बाल्को में दोपहर का भोजन यानी मिड डे मील अनिवार्य है, लेकिन इस स्कूल में मिड डे मील के नाम पर घटिया भोजन बच्चों को परोसा जा रहा है। मिड डे मील में मिलावट के खिलाफ स्कूली बच्चों ने खुद मोर्चा खोल दिया है। बच्चे खाने की गुणवत्ता को लेकर खाने का बहिष्कार कर उसे कूड़ेदान में फेंक रहे हैं।

यहां यह भी बता दें वर्तमान में उज्वला समूह द्वारा स्वामी आत्मानंद गवर्नमेंट इंग्लिश स्कूल में भोजन बनाए जा रहे हैं जो गुणवत्ता हीन है बच्चों के अभिभावकों ने भी घटिया भोजन परोसने का विरोध कर कहा कि ऐसे भोजन से बच्चे आये दिन पेट दर्द की शिकायत करते हैं।

स्कूल के शिक्षक से पूछने पर उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चों को खिलाने के लिए उज्वाला समूह द्वारा लगातार घटिया भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा अंजली सिंह ने बताया कि चावल में आए दिन कंकड़ मिलता है दाल पतली रहती है कभी नमक ज्यादा तो कभी कम रहता है इस वजह से यहां का खाना हम लोग नहीं खाते हैं और घर से टिफिन लेकर आते हैं पहले तो पूरे 500 बच्चे खाना खाते थे लेकिन अभी 200 से कम बच्चे खाना खाते हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मध्यान भोजन की गुणवत्ता कैसी होगी यही पढ़ने वाले छात्र हरि ओम कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष खाना अच्छा बनता था इसलिए यहां खाना खाते थे लेकिन इस बार दूसरे समूह को जो खाना बनाने का जिम्मेदारी दी है खाना की गुणवत्ता में कमी तो है साथ ही समूह के सदस्यों द्वारा बच्चों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है कभी-कभी टिफिन नहीं लाया जाता है तो मजबूरन यहां का खाना खाना पड़ता है थाली गंदा होने की बात भी छात्र द्वारा बताया गया वही बच्चों को समूह द्वारा कम खाना भी दिया जाता है दोबारा मांगने पर समूह द्वारा देने से इंकर कर दिया जाता है

बच्चों को बदबूदार चावल और आलू, सोयाबीन की सब्जी परोसी गई थी। जिसे बच्चों ने खाने से इनकार कर दिया था। वहीं, जब हमने स्कूल का निरीक्षण करने गए तो हमारी उपस्थिति के दौरान खराब गुणवत्ता का खाना बच्चों को परोसा गया था।

स्कूल की प्राचार्य से जब मध्यान भोजन के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि पहले जो मध्यान्ह भोजन बनता था वह टेस्टी होता था पहले एकता समूह द्वारा मध्यान भोजन बनाया जाता था जिस समय कोई व्यवस्था नहीं थी उस समय एकता समूह द्वारा व्यवस्था कर भोजन परोसा जा रहा था जिसमें स्कूल के सारे बच्चे मध्यान भोजन खाते थे लेकर जबसे उज्वला समूह द्वारा भोजन बनाए जा रहे हैं सबसे गुणवत्ता में कमी आई है और आधे से अधिक बच्चे खाना नहीं खाते हैं इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से भी की है लेकिन अधिकारियों द्वारा आज तक कोई सुध नहीं लिया गया है और मैंने समूह को गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए भी कहा गया है लेकिन समूह द्वारा अपनी मनमौजी काम कर रहे हैं इस वजह से यहां के बच्चे मध्यान भोजन खाने से कतरा रहे हैं संबंधित विभाग को इस दिशा पर कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है और समय-समय पर स्कूल जाकर मध्यान भोजन की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए हर दिन उसमें एक नई गड़बड़ी मिल रही है, लेकिन इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी की वजह चाहे जो हो नतीजे बच्चों को ही झेलने पड़ते हैं। शिकायत होने पर विभाग के अधिकारी सिर्फ जांच कमेटी गठित कर भूल जाते हैं। जांच पर जांच चलती है, लेकिन रिपोर्ट नहीं आ पाती।