रायपुर,21 जुलाई । यूपीएससी के टॉपर्स ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं से संवाद किया और उन्हें मार्गदर्शन दिया। दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में शुक्रवार को ‘टॉपर्स टॉक’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में यूपीएससी परीक्षा को लेकर युवाओं की समस्याओं का समाधान किया गया। कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर डॉक्टर सर्वेस्वर भूरे, रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल के साथ यूपीएससी-2022 सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर्स इशिता किशोर, गरिमा लोहिया, कनिका गोयल के साथ अभिषेक चतुर्वेदी, प्रखर चंद्राकर ने अपने अनुभव साझा किए। कलेक्टर ने सभी टॉपर्स का छतीसगढ़ शासन की ओर से स्वागत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर डॉक्टर भूरे ने कहा, इस टॉक का उद्देश छतीसगढ़ से अधिक से अधिक प्रतिभागियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित करना और उनकी अधिक से अधिक सहभागिता कराना है। ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं में माहौल बनता है। आईपीएस और रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने कहा, टॉपर्स से आप सबको खूब जानकारी मिलेगी। इस परीक्षा के लिए लगन और समर्पण की ज़रूरत है। विस्तृत सिलेबस को जानना, दृढ़ निश्चय बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है।
सिविल सेवा परीक्षा की टॉपर इशिता किशोर ने बताया कि मैने परीक्षा के पहले सभी पहलुओं के गुण दोष देखे। मुझे सिविल सर्विसेज एक डायनेमिक कैरियर लगा जहां चुनौतियां भी थीं। पहले दो अटेंप्ट में मै प्रीलिम्स भी क्लीयर नहीं कर पाई। मैने अपनी गलतियों को खोजा और गलतियों को ढूंढने से सुधार हुआ। प्रीलिम्स फेल होने के बाद मैने खुद को उसी एनर्जी के साथ आगे बढ़ाया और तीसरे एटेम्प्ट के लिए आगे बढ़ी। मेन्स देने से पहले ही मैने मेन्स की तैयारी शुरू की और इस बार मैं सफल रही। इशिता ने बताया, इंटरव्यू के दौरान मेरे दोस्तों ने मेरा हौंसला बढ़ाया, मेरी गलतियों को बताया। उन्होने मुझे आगे बढ़ने का साहस दिया। ईशिता ने कहा कि सोशल मीडिया को आप कंट्रोल करिए, सोशल मीडिया आपको कंट्रोल न करे।
यूपीएससी की परीक्षा में आल इंडिया सेकंड रेंक पर रही गरिमा ने बताया कि छोटे बड़े शहर का प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि बक्सर जैसे छोटे शहर में रहकर उन्होंने तैयारी की और सफल हुई। लोग कहते थे कि दिल्ली जाना जरूरी है। लोकेशन आपकी सफलता तय नहीं करती है। हमें लगता है कि हमारा शहर छोटा है, हमें किताबों के बारे में पता नहीं चल सकता, लेकिन ऐसा सोचना गलत है। माहौल की जो बात होती है, आपके अच्छे दोस्त होने जरूरी हैं। आपकी मदद कर सकें, जो भी आपके पास है वो पर्याप्त है. ये मन में रखना है।
अविनाश कुमार IAS ने बताया, यह मेरा तीसरा प्रयास था। शुरू के दो प्रयास मे मैं प्रीलिम्स भी नहीं निकाल पाया था। लेकिन मैं हताश नहीं हुआ और आगे बढ़ा और 17वीं रैंक हासिल की। आपको सभी विषयों पर पकड़ बनानी होगी। मैने पहला अटेम्प्ट जल्दबाजी में दिया, ऐसा नहीं करना है। प्रीलिम्स के 6 मुख्य बड़े विषयों में से हर किसी का कोई न कोई विषय कमजोर होता है। इसे भी मजबूत करना है। प्रीलिम्स में ज्यादा प्रश्न साल्व नहीं करना है बल्कि ज्यादा प्रश्नों के सही जवाब देने हैं। सी सैट के लिए आप सभी को मेहनत करनी है, उसे हल्के में नहीं लेना है। आपको टेस्ट पेपर देना है और बाद में उसे रिवाइज भी करना है। कनिका गोयल नौवीं रेंक प्राप्त टॉपर ने बताया कि पहले प्रयास में फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आ पाया। पर एबल पांच दिन में ही अगली प्रारंभिक परीक्षा में बैठी और पास हुई।
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