अगर आप भी अपने पैसे पर हायर रिटर्न चाहते हैं तो यह खबर आपके काम की है. बैंक एफडी और छोटी बचत योजनाएं दो कम जोखिम वाले निवेश के ऑप्शन हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में मिलने वाला ब्याज दर इस समय रिकॉर्ड लेवल पर है. आप निवेश के लिए इस ऑप्शन का विचार करके ज्यादा फायदा पा सकते हैं. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के लिए जुलाई से सितंबर की ब्याज दर 8.2 प्रतिशत तय की गई है.
निवेश सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख की
इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था लागू करने के साथ ही सीनियर सिटीजन के लिए बड़ा ऐलान किया था. इसके तहत सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) में निवेश की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया था. इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को निवेश पर पहले से ज्यादा फायदा मिल रहा है. सितंबर में समाप्त होने वाली तिमाही में ब्याज दर को बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे पहले की तिमाही में यह 8 प्रतिशत थी. उससे पहले इसकी ब्याज दर 7.6 प्रतिशत और निवेश की सीमा 15 लाख रुपये थी.
पहले हर महीने होता था 9500 का फायदा
अधिकतम निवेश सीमा बढ़ाने और ब्याज दर में इजाफा करने से सीनियर सिटीजन को ब्याज के रूप में हर महीने होने वाली कमाई पहले से दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. पहले योजना में 15 लाख रुपये का निवेश करने पर 7.6 प्रतिशत ब्याज से मैच्योरिटी पर 20.70 लाख रुपये मिलता था. जो कि सालाना 1.14 लाख और मंथली 9500 रुपये बनता था.
अब 20500 रुपये का फायदा होगा
वित्त मंत्री की तरफ से निवेश की सीमा 30 लाख रुपये करने और ब्याज दर बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत होने पर पांच साल की मैच्योरिटी पर 12.30 लाख रुपये ब्याज के साथ कुल 42.30 लाख रुपये मिलेगा. अगर इसके सालाना आधार पर कैलकुलेट करें तो यह 2 लाख 46 हजार रुपये और मंथली बेस पर 20500 रुपये बनता है. यानी वित्त मंत्री के ऐलान के बाद पहले के 9500 रुपये की तुलना में अब वरिष्ठ नागरिकों को 20500 रुपये मिलेंगे.
क्या है योजना
सरकार की तरफ से ‘वरिष्ठ नागरिक बचत योजना’ को देश के बुजुर्ग नागरिकों के लिए चलाया जाता है. इस योजना को शुरू करने का मकसद सेवानिवृत्त व्यक्तियों को वित्तीय मदद देना है. योजना के तहत सीनियर सिटीजन को हर महीने के ब्याज के रूप में पैसा मिलता है.
डेढ़ लाख तक की टैक्स रिबेट
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में सरकार की तरफ से तिमाही के आधार पर ब्याज दर में संशोधन किया जाता है. इसमें पति और पत्नी दोनों एक-दूसरे के साथ एकल खाता या ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं. खास बात यह है कि इसमें निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप डेढ़ लाख रुपये तक टैक्स छूट भी पा सकते हैं.
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